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लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लग सकता है झटका, विपक्ष को मिल सकती हैं 325 सीटें; CSDS ने बताई वजह !

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Loksabha Election 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अब महज एक साल का ही समय बचा है। बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हाल के समय में सामने आए विभिन्न सर्वे से साफ है कि भाजपा को अभी बहुत भारी बढ़त हासिल है।

वह तीसरी बार सत्ता में आ सकती है, लेकिन एक तरीका है, जिसे अपनाकर विपक्ष बहुमत के आंकड़े को हासिल कर सकता है। हालांकि, यह बहुत ही मुश्किल और लगभग असंभव ही है।

दरअसल, चुनावों पर करीब से नजर रखने वाली संस्था सीएसडीएस के आंकड़ों में सामने आया है कि यदि भाजपा को छोड़कर सभी अन्य दल एक साथ होकर चुनाव लड़ें तो इन दलों को अगले लोकसभा चुनाव में आसानी से बहुमत मिल जाएगा। सीएसडीएस ने यह आंकड़ा पिछले साल तमाम दलों को मिले सीटों और वोट फीसदी के हिसाब से निकाला है।

सीएसडीएस के आंकड़ों के हवाले से ‘आजतक’ ने बताया, अगर भाजपा को छोड़कर, सारी पार्टियां एक साथ होकर चुनाव लड़ती हैं तो बीजेपी को 235-240 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है, जबकि विपक्ष को 300-305 सीटें मिल जाएंगी।” उल्लेखनीय है कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 303 सीटें और विपक्षी दलों को 236 सीटें हासिल हुई थीं। सीएसडीएस ने पिछले लोकसभा चुनाव में मिले बीजेपी और उसके अलावा बाकी दलों के वोट प्रतिशत के हिसाब से यह आंकड़ा निकाला है।

वहीं, आगामी आम चुनाव में बीजेपी के वोटों में एक फीसदी का घटाव भी हो जाता है तो सीटों का आंकड़ा कम होकर 225-230 पहुंच सकता है, जबकि विपक्ष के लिए यह आंकड़ा 310-325 हो जाएगा। वहीं, अगर दो फीसदी वोट बीजेपी के कम हो जाते हैं तो यह सीटों की संख्या कम होकर 210-215 पहुंच जाएगा। जबकि विपक्ष के पास सीटों का आंकड़ा 325-330 हो जाएगा। लेकिन यह तभी होगा, जब सभी दूसरी पार्टियां एक साथ आ जाएं और चुनाव लड़ें।

इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि यदि विपक्ष का पांच फीसदी वोट किसी दूसरी पार्टी को चला जाता है तो फिर बीजेपी की सीटें 242-247 हो जाएंगी और विपक्ष को 290-295 सीटें मिल सकती हैं। 2019 में मिले वोटों में अगर विपक्ष के खाते से दस फीसदी वोट चला जाता है तो फिर बीजेपी को 272-277 सीटें आ सकती है, जबकि विपक्ष के पास 263-268 सीटें रहेंगी। इन आकंड़ों पर चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने कहा कि इन आंकड़ों से साफ है कि यदि बीजेपी को चुनौती देनी है तो गैर-बीजेपी दलों को एकजुट होना होगा। तभी अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती दी जा सकती है।