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कचिटफंड कंपनियों की संपत्तियां नीलाम, पैसा एक साल से प्रशासन के खाते में 1.31 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा, 3000 से अधिक हैं निवेश

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दिव्यानी चिटफंड कंपनी के निवेशकों को राशि मिलने के बाद अब तीन अन्य चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को राशि मिलने का इंतजार है.

बताया जा रहा है कि इन कंपनियों के 1.31 करोड़ से ज्यादा की राशि जिला प्रशासन के पास एक साल से जमा है.

इन तीनों कंपनियों के निवेशकों की संख्या 3000 से अधिक है. तीनों कंपनियों की भी धन वापसी एक साल से अटकी हुई है.

इन कंपनियों की संपत्तियां हो चुकी है नीलाम, अब स्टे

कंपनी 10 करोड़ 30 लाख रुपए की संपत्ति की नीलामी हो चुकी थी.

इससे मिली राशि से धमतरी जिले के निवेशकों को धन वापसी करना है, जबकि कंपनी की प्रॉपर्टी रायपुर में है. अब स्टे लगा दिया गया.

जिला प्रशासन ने कंपनी की 2 करोड़ 10 लाख रुपए की संपत्ति 23 नवंबर 2022 को नीलाम की थी.

जिन लोगों ने पैसे लगाए थे, उन्हें पैसे किस तरह बांटे जाएं, इसकी सूची तैयार की जा रही थी, लेकिन स्टे आते ही पूरी प्रक्रिया रुक गई.

इस कंपनी में दुर्ग जिले के निवेशकों ने ज्यादा पैसे लगाए थे. जिला प्रशासन इस कंपनी की संपत्ति नीलाम कर चुका है.

पीड़ितों में पैसे बांटे ही जाने वाले थे, तभी कंपनी के संचालकों ने स्टे ले लिया.
इस कंपनी की प्रॉपर्टी सरोरा, तेलीबांधा और अभनपुर आदि जगहों पर थी.

जिला प्रशासन ने इसकी संपत्तियां नीलाम कर दी है. इससे आई रकम बांटने की तैयारी हो चुकी थी और न्यायालय से स्टे आया.

थानों में निवेशकों के द्वारा किए गए एफआईआर के मुताबिक ही धन वापसी होनी है. जिले के सभी थानों से जानकारी भी जिला प्रशासन को मिल गई है,

लेकिन अब तक प्रक्रिया अटकी हुई है. बीते साल जनवरी में कंपनियों की संपत्तियां नीलाम हुई थी.

किम इंफ्रा कंपनी की गातापार में आधा एकड़ भूमि को तकरीबन डेढ़ करोड़ में बेचा गया है. शुष्क इंडिया कंपनी की संपत्ति कुर्की से 6 लाख 45 हजार रुपए मिले हैं.

इसके लिए 1420 आवेदन पहले चरण में आए थे. गोल्ड-की इंफ्रावेंचर (डेसिड बेनीफिट फंड लिमिटेड) चिटफंड कंपनी की जमीन 81 लाख एक हजार रुपए में बिकी है.

उक्त कंपनी के 1600 आवेदन ऑफलाइन सिस्टम से मिले हैं.
प्रक्रिया हुई, लेकिन नहीं हो पाई नीलामी

निवेशकों को उनकी राशि लौटाने के लिए रायपुर जिला प्रशासन अब तक कई चिटफंड कंपनियों की संपत्तियां नीलाम कर चुका है.

वहीं, कुछ संपत्तियां नीलाम करने की तैयारी में भी है. शासन की तमाम कार्यवाही के बाद भी निवेशकों के हाथ खाली हैं.

प्रशासन को 42 कंपनियों द्वारा ठगे गए निवेशकों के करीब साढ़े तीन लाख आवेदन मिले थे. इनमें से कुल 16 चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरण भेजे गए.

इसमें 11 प्रकरणों में आदेश भी पारित किया गया है, जिसके तहत चार प्रकरणों में नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.

एसपी एंड लैंड बीएनपी इंडिया कंपनी की संपत्ति को नीलामी का इंतजार: एसपी एंड लैंड बीएनपी इंडिया कंपनी पर आरोप है कि उसने कुल 1254 निवेशकों से तीन करोड़ 74 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की है.

इस कंपनी की दलदल सिवनी, अभनपुर, कोटा, जरवायडीह, गोबरा-नवापारा क्षेत्र में भी संपत्ति का पता चला है.

इस संपत्ति की कुल कीमत 74 लाख से अधिक बताई जा रही है. इस कंपनी का प्रकरण भी न्यायालय में है.
राशि वापस करने की प्रक्रिया जारी

जो भी राशि है उसे वापस करने की प्रक्रिया की जा रही है. कुछ कंपनियों की संपत्ति नीलामी के बाद न्यायालय से स्टे आ गया है.

इसके लिए प्रशासन अपील में जाने की तैयारी कर रहा है.