शिवसेना का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम छिनने के बाद भाजपा और शिंदे गुट पर उद्धव गुट के हमले लगातार जारी हैं. इस सियासी दंगल में अब संजय राउत ने भी एंट्री कर ली है. उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की भारी-भरकम डील हुई है.
संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे विश्वास है कि चुनाव चिन्ह और पार्टी (शिवसेना) का नाम हासिल करने के लिए 2 हजार करोड़ की डील हुई है. यह शुरुआती आंकड़ा है, लेकिन 100 फीसदी सच है. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. जल्द ही इस बारे में कई खुलासे होंगे.
ये आरोप भी लगाए…
> पेगासेस मामले में हमने आवाज उठाई तो सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई. SC क्लीन चिट देने का कारखाना बन गया है. यह देश देख रहा है कि प्रधान मंत्री मोदी किस तरह से अपने एक दोस्त का साथ दिए जा रहे हैं.
> इस्राइली कंपनी से मदद लेकर देश की एक पार्टी (bjp) EVM को टैम्पर करके चुनाव जीत रही है. ऐसा लेख दुनिया के एक बड़े अखबार में आया है, इसकी भी जांच होनी चाहिए.
> मैंने ट्वीट कर बताया है कि जिस तरह से हमने तीर-कमान चुनाव निशान और नाम छीनने के लिए 2000 करोड़ का लेन-देन हुआ है यह मेरा आरोप है. जो गद्दार गुट के लिए एक विधायक 50-50 करोड़ का भाव लगाते हैं, ऐसे पार्टी ने चुनाव निशान लेने के लिए जरूर इतनी रकम खर्च की होगी यह मुझे भरोसा है. इसके साबुत मैं जल्द दूंगा.
माझी खात्रीची माहिती आहे….
चिन्ह आणि नाव मिळवण्यासाठी आता पर्यंत 2000 कोटींचा सौदा आणि व्यवहार झाले आहेत…
हा प्राथमिक आकडा आहे आणि 100 टक्के सत्य आहे..
बऱ्याच गोष्टी लवकरच उघड होतील..
देशाच्या इतिहासात असे कधीच घडले नव्हते.. pic.twitter.com/3Siiro6O9b
इससे पहले संजय राउत ने ट्वीट कर कहा था कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा, लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है. लड़ते रहो. संजय राउत ने कहा था कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया गया है. हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है. लेकिन हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है.
दरअसल, चुनाव आयोग ने 17 फरवरी को शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को सौंप दिया था. शिंदे गुट ने EC के इस फैसले का दिल-खोल कर स्वागत किया था. उन्होंने इसे लोकतंत्र की जीत बताया था, EC के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा था कि ये लोकतंत्र की जीत है. लोग हमसे जुड़ रहे हैं. ये सत्य की जीत है. ये बालासाहेब के विचारों की जीत है. एकनाथ शिंदे ने कहा था कि ये लाखों कार्यकर्ताओं की जीत है.
हालांकि, शिंदे गुट से उलट उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को पूर्व नियोजित बताया था. उनकी तरफ से कहा गया था कि उन्हें पहले से ही अनुमान था कि EC से इस तरह का फैसला आएगा.
सुप्रीम कोर्ट जाएगा उद्धव गुट
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है. उद्धव गुट की ओर से आज ही ऑनलाइन अर्जी दाखिल की जाने वाली है. बता दें कि इससे पहले ही शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर चुका है. इसमें कहा गया है कि इस मसले पर फैसला लेने से पहले सुप्रीम कोर्ट उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दे.
अमित शाह ने कही थी ये बात
चुनाव आयोग के फैसले पर अमित शाह का भी बयान आया था. केंद्रीय गृहमंत्री ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना के नाम और निशान को लेकर कहा था कि चुनाव आयोग ने दूध का दूध और पानी कर दिया है. गृहमंत्री ने कहा था कि UPA काल में हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री मानता था और प्रधांनमंत्री को भी प्रधानमंत्री नहीं मानते थे.
उन्होंने कहा था कि UPA के कार्यकाल में 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए. इससे भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूल में मिल गई. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि असली शिव सेना और चिह्न हमारे मित्र पक्ष को मिला है. उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने मोदीजी का बड़ा फोटो लगाकर वोट मांगा. और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने के लालच मे कांग्रेस-एनसीपी के तलवे चाटे.