Preparations of BJP in Madhya Pradesh Assembly Elections 2023: प्रदेश संगठन ने चुनावी तैयारी, रणनीति और चुनौती काे लेकर रोडमैप तैयार किया है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में आठ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने को हैं। बीजेपी ने फिर से सत्ता वापसी का प्लान तैयार कर लिया है। प्रदेश संगठन ने चुनावी तैयारी, रणनीति और चुनौती काे लेकर रोडमैप तैयार किया है। इसका प्रजेंटेशन पिछले महीने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में दिया गया था। इसके मुताबिक बीजेपी का फोकस महिला वोटर्स के साथ ही युवाओं और आदिवासी वर्ग पर है। इसी कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘लाडली बहना’ योजना लॉन्च कर बड़ा दांव खेला है। बीजेपी को भरोसा है कि यह योजना गेम चेंजर साबित होगी। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता में वापसी का प्लान तैयार कर लिया है। इसके लिए बीजेपी के सामने उम्मीदवारों का चयन सबसे बड़ी चुनौती है। पार्टी के प्रारंभिक तौर पर कराए गए इंटरनल सर्वे में 30% सीटों पर बीजेपी की स्थिति मजबूत बताई गई है। पार्टी इसके हिसाब से ही ‘टिकट प्लान’ फाइनल कर रही है। यदि कोई नेता किसी विधानसभा सीट से टिकट के लिए दावा करता है और कहता है कि उसे 51% से अधिक वोट मिलेंगे ही, तब भी परीक्षण होगा। बीजेपी इसके लिए जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कराएगी। ये काम मैदानी पदाधिकारी करेंगे। बीजेपी के के बूथ और मंडल स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ता वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। वहीं, दावा करने वाले नेता की मजबूती संगठन को बताएंगे। वह बताएंगे कि संबंधित दावेदार की कैसी साख है और वह चुनाव में कितने प्रतिशत वोट पा सकते हैं। बीजेपी पदाधिकारियों के दौरे कार्यक्रम को दावेदारों को टिकट देने के मापदंड से जोड़ दिया है। इसके लिए बीजेपी पोकोह रही है कि पिछले चुनाव में बीजेपी को कितने प्रतिशत वोट मिले थे? क्या इस चुनाव में 51% वोट ले सकते हैं? यदि ऐसा कर सकें, तो ही दावेदारी प्रस्तुत करें। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में मध्यप्रदेश की स्थिति को लेकर मंथन के बाद माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में भी बीजेपी गुजरात फॉर्मूले पर आगे बढे। बीजेपी के पास अब तक प्रारंभिक सर्वे में जो जमीनी ब्योरा सामने आया है, उसके आधार पर बीजेपी कई विधायकों का टिकट तो काटेगी ही, इसमें बड़ी तादाद में ऐसे नेता होंगे, जो तीन बार से ज्यादा विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। तीन बार के विधायकों को लेकर सर्वे में नकारात्मक फीडबैक मिला है।
इन नेताओं पर गिरेगी गाज
चुनाव में टिकट के लिए बीजेपी यह भी तय कर रही है कि जिन नेताओं की छवि अच्छी नहीं है या जनता में नाराजगी है, उनसे चुनाव से लगभग दो महीने पहले ही यह घोषणा करवा दी जाए कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसा करने पर एंटीइंकम्बेंसी को कम किया जा सकेगा। इसके बाद तीन बार के विधायकों और अन्य पर फैसला हो। इसमें बीजेपी को बगावत की आशंका है, मगर बीजेपी जोखिम लेने को तैयार है। बीजेपी को भरोसा है कि जिनके टिकट कटेंगे, उनमें से मुश्किल से 5 फीसदी ही नेता ऐसे होंगे, जो दल बदल करने का जोखिम लेंगे। लिहाजा बीजेपी फिलहाल इसी रोडमेप पर काम करेगी।