विधानसभा से पारित होने के 29 दिन बाद भी आरक्षण संशोधन विधेयक कानून नहीं बन सका है। इस बीच कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस 3 जनवरी को साइंस कालेज ग्राउंड में जन अधिकार महारैली करेगी। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने रैली से समाज प्रमुखों को जोड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार को मरकाम सभी समाज प्रमुखों से प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में मिले और रैली में शामिल होने के लिए समर्थन मांगा। कांग्रेस ने दावा किया है कि 70 से अधिक समाज प्रमुखों ने महारैली को समर्थन दिया है।
मरकाम ने कहा, समाज प्रमुखाें से टेलीफोन पर चर्चा हुई है। लिखित में भी रैली को समर्थन देने और शामिल होने पर सहमति दी है। मरकाम ने कहा, महारैली में प्रदेश के कोने- कोने से एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे और अपने हक एवं अधिकार की बात करेंगे। कांग्रेस के 90 विधानसभा तथा 307 ब्लॉकों के कार्यकर्ता इस रैली में शामिल होंगे। सभी जिलाध्यक्षों एवं कांग्रेस के विधायक अपने क्षेत्र के लोगों के साथ रैली में शामिल होंगे। वहीं दूसरी ओर सतनामी समाज ने महारैली से किनारा कर लिया है।
तत्काल होना चाहिए हस्ताक्षर
मरकाम ने कहा, आरक्षण संशोधन विधेयक लाने के तार्किक आधार को सरकार ने एकत्रित किया है। पिछड़ा वर्ग की आबादी के लिए क्वांटीफायबल डाटा आयोग गठित किया गया। एससी एवं एसटी की आबादी जनगणना के आंकड़ों के आधार पर तथा ईडब्ल्यूएस आरक्षण लोकसभा में पारित कानून के आधार पर लाया गया है। यह विधेयक कानून सम्मत एवं तर्क सम्मत है। इसमें तत्काल हस्ताक्षर होना चाहिए।
बैठक में ये हुए शामिल
आदिवासी गोंड समाज, सर्व आदिवासी समाज, सतनामी समाज, प्रगतिशील सतनामी समाज, कुर्मी समाज, चंद्रा समाज, सारथी समाज, मेहर समाज, धीवर समाज, सेन समाज के नेता और संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा भी शामिल हुए।
हर विधायक को 10 हजार का टारगेट
- महारैली में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों, विधायकों, पूर्व विधायकों और रायपुर के नगर निगम पार्षदों को दी गई है।
- हर विधायक को 10 से 12 हजार लोगों को लाने की जिम्मेदारी दी गई है।
- जिला अध्यक्षों को अपने क्षेत्र के विधायकों के साथ मिलकर भीड़ जुटानी है।
- रायपुर नगर निगम के प्रत्येक पार्षद को एक हजार लोगों को लाने काे कहा गया है।
- निगम मंडल आयोग के पदाधिकारियों को भी 2 से 10 हजार तक लोगों को लाने का टारगेट दिया गया है।
जन अधिकार महारैली से प्रगतिशील सतनामी समाज असहमत
सतनामी समाज ने कांग्रेस के जन अधिकार महारैली से किनारा कर लिया है। मरकाम की बैठक में प्रगतिशील सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद भतपहरी भी शामिल हुए, लेकिन उन्होंने महारैली पर अपनी असहमति जताई है। बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, सरकार ने विधेयक में एससी के आरक्षण में कटौती की है, जबकि हाईकोर्ट ने 50% की सीलिंग में भी एससी के 16% के आरक्षण को यथावत रखा था। सरकार के नए विधेयक में इसे 13% कर दिया है, जो उचित नहीं है। सरकार को हमारे आरक्षण को 3% बढ़ाकर कुल आरक्षण 79% कर देना चाहिए। साथ ही जरूरत पड़े तो ईडब्ल्यूएस आरक्षण को भी बढ़ा देना चाहिए। सभी वर्गों के साथ न्याय जरूरी है। बताया जा रहा है कि बैठक में सतनामी समाज को छोड़कर सभी समाज के प्रतिनिधियों ने महारैली में शामिल होने की सहमति दी है।