Old pension scheme: छत्तीसगढ़ , झारखंड और राजस्थान में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू किया है,लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकारो के बीच जरी खींचतान के कारण कर्मचारियों की पेंशन पर संकट मंडराने लगा है। नई पेंशन योजना के माध्यम से राज्य सरकार के अंशदान की राशि केंद्र सरकार के पास डिपॉज़िट है। राज्य सरकार को अगर कर्मचारियों के पेंशन भुगतान करना है,तो इसके लिए यह राशि चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। लोकसभा में सांसद असदुद्दीन औवसी के सवाल के जवाब के बाद यह स्थित एकदम साफ़ गई है।
असदुद्दीन ओवैसी के सवाल से साफ़ हुई तस्वीर
सोमवार को एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र सरकार से सवाल पूछा था,जिसका लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया है , राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी करके उसकी सूचना केंद्र सरकार को दी है।
राज्यों को पैसे लौटने का नहीं है कोई प्रावधान इन तीनों प्रदेशों ने नवीन पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण में जमा पैसों को वापस लौटाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन PFRDA ने भी इन प्रदेशों को बता दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त विभाग के अफसरों से कहा है कि वे कर्मचारी संगठन से चर्चा करके इसका रास्ता निकालें। राज्य की राशि चाहिए गौरतलब है कि नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बयान में हमेशा इस बात को दुहराते हैं कि केंद्र के पास जमा राशि विशुद्ध रूप से राज्य के कर्मचारियों की है,क्योंकि उसमें राज्य का अंशदान है और इसमें एक पैसा भी भारत सरकार का नहीं है। बघेल का कहना है कि वह कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिलवाने के लिए केंद्र से लगातार मांग कर रहे हैं,लेकिन केंद्र सरकार का रुख नकारात्मक है। कर्मचारियों से होगा विचार विमर्श,तब निकलेगा हल छत्तीसगढ़ ,राजस्थान और झारखंड को अब इस समस्या का हल खुद ही निकालना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एक बयान में कहा है कि उन्होंने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि वह कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करके समस्या पर विचार विमर्श करें और कोई रास्ता तलाशें । उन्होंने कहा कि हमने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की हैं और हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं। हिमाचल में भी फंसेगा पेंच गौरतलब है कि कांग्रेस ने बीते महीने हिमाचल प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान भी अपने घोषणापत्र में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था। उस समय भी यह सवाल उठे थे कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को पूर्व से जमा रकम नहीं लौटा रही है, तब ऐसे में हिमाचल में पुरानी पेंशन कैसे संभव होगी? तब मुख्यमंत्री ने जवाब दिया था कि वह इस मामले पर कानूनी सलाह ले रहे हैं । गौरतलब है कि 9 मार्च 2022 को छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की गई थी।