छत्तीसगढ़ में 4 लाख 8 हजार अधिकारी-कर्मचारी हैं। इनमें से लगभग दो प्रतिशत लोग ही सरकारी मकानों में रहते हैं। बाकी निजी या किराए के मकानों में रहते हैं। पुलिस और कुछ विभागों ने सरकारी मकान बनाए हैं, फिर भी आवासों की भारी कमी है। इसलिए अधिकारी-कर्मचारी अब गृहभाड़ा भत्ते को लेकर सरकार की ओर टकटकी लगाए हैं।
नियमों के अनुसार केवल रायपुर, दुर्ग-भिलाई और इनके आउटर में रहने वाले सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को ही शहरी भत्ता यानी 10 प्रतिशत एचआरए मिलता है, जबकि रायगढ़, कोरबा, जगदलपुर, अंबिकापुर समेत कई शहरों व बड़े नगरों के अधिकारियों-कर्मचारियों को 7 फीसदी एचआरए मिलता है। वजह, ये सब शहर-कस्बे और ग्रामीण वाले फ्रेम में आते हैं।
इस बारे में जब दैनिक भास्कर ने पड़ताल की, तो कई बातें निकलकर सामने आई हैं। सातवें वेतनमान के अनुसार शहरों में 18 व ग्रामीण इलाकों में 9 प्रतिशत की दर से एचआरए दिया जाना प्रावधानित है। सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू हो चुका है, लेकिन उन्हें एचआरए छठे वेतनमान के अनुसार ही दिया जा रहा है। प्रदेश में शहरों में रहने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को 10 और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को 7 फीसदी की दर से एचआरए मिलता है।

वहीं, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों व केंद्रीय कर्मचारियों को 18 फीसदी की दर से मूल वेतन पर मकान भाड़ा भत्ता मिलता है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने 1 जनवरी 2016 के बजाए प्रदेश में जुलाई 2017 से सातवां वेतनमान लागू किया। सरकार के एचआर के मापदंडों या फ्रेम के मुताबिक 10 लाख या उससे अधिक आबादी वाले शहरों के अधिकारियों कर्मचारियों को जो अपने मकान या किराए के मकान में रहते हैं। उन्हें मूल वेतन पर 10 प्रतिशत एचआरए मिलता है। जबकि पांच लाख से कम जनसंख्या वाले कस्बों या गावों में रहने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सात प्रतिशत की दर से दिया जाता है।
संपदा संचालनालय के पास मकान
पेंशनबाड़ा- 191, न्यू राजेंद्र नगर- 235, पंचशील नगर- 40, हीरापुर- 184, कबीर नगर 151, कोटा – 08, काशीराम नगर- 1028, आरडीए कॉलोनी टिकरापारा- 47, बीरगांव- 23, कचना- 160, नवा रायपुर सेक्टर 17 – 192, नवा रायपुर सेक्टर 27 – 248, नवा रायपुर सेक्टर 29 – 384। कुल योग – 2891 मकान।
ऐसे समझें –
यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी का मूल वेतन 50 हजार रुपए है, तो उसे 10 प्रतिशत के अनुसार 5 हजार रुपए एचआरए मिलना चाहिए। सातवें वेतनमान में 17 पे-लेवल बनाए गए थे। इनका विश्लेषण करने पर जाना जा सकता है कि मूल वेतन के अनुसार किस अधिकारी-कर्मचारी को कितना एचआरए मिलना बकाया है। 7 प्रतिशत और 10 प्रतिशत के अनुसार 1 जनवरी 2016 से जब से सातवां वेतनमान लागू हुआ है, तब से लेकर जून 2022 तक इसकी गणना की गई है। इसे चार्ट से समझा जा सकता है। इसमें कुल 78 महीने की स्थिति दर्शाई है।
वेतनमान, मूल वेतन (बैंड) | 7 प्रतिशत बकाया (रुपए में) | 10 प्रतिशत बकाया (रुपए में) |
4750 से 7440 | 52026 | 74334 |
4750 से 7440 | 53664 | 76674 |
5200 से 20200 | 60060 | 85800 |
5200 से 20200 | 65052 | 92898 |
5200 से 20200 | 74724 | 106704 |
5200 से 20200 | 84396 | 120588 |
5200 से 20200 | 95706 | 136734 |
9300 से 34800 | 118092 | 168714 |
9300 से 34800 | 127062 | 181506 |
9300 से 34800 | 144066 | 205842 |
9300 से 34800 | 163800 | 233922 |
15600 से 39100 | 187122 | 267306 |
15600 से 39100 | 224484 | 320658 |
15600 से 39100 | 266526 | 380718 |
37400 से 67000 | 395226 | 564642 |
37400 से 67000 | 432588 | 617994 |
37400 से 67000 | 472992 | 675636 |