- उनका पक्ष जाने बिना ही काउंसिलिंग कमेटी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया, जो गलत
नीट यूजी में अच्छी रैंक आने के बावजूद जिन 6 छात्रों को एमबीबीएस की काउंसिलिंग से बाहर किया गया था, उन्हें हाईकोर्ट ने फिर से काउंसिलिंग में शामिल करने का आदेश दिया है। दूसरे चरण की काउंसिलिंग में इन सभी छात्रों को शामिल किया जाएगा। इन छात्रों को सरकारी के अलावा निजी कॉलेजों में एमबीबीएस सीटें मिलने की संभावना है। जिन छह छात्रों को काउंसिलिंग से बाहर किया गया था उन पर आरोप था कि उन्होंने फार्म रिसेट करने के बाद उसे पूरा नहीं भरा था। डीएमई कार्यालय की यह दलील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी और छात्रों को काउंसिलिंग में शामिल करने का आदेश दिया।
काउंसिलिंग से अपात्र छात्रों को 720 में 531, 465, 463, 380, 362 व 154 नंबर मिले हैं। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें 531 नंबर वाले को सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट मिल जाएगी। वहीं बाकी को भी सरकारी व निजी कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें मिलने की पूरी उम्मीद है। गौरतलब है कि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए पहले चरण की काउंसिलिंग पिछले महीने ही शुरू की थी। छात्रों को फार्म में त्रुटि सुधार के लिए अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में 3 दिन का समय दिया गया था। इसमें 178 छात्रों ने अपना फार्म ऑनलाइन रिसेट किया। छह छात्रों ने फार्म रिसेट तो किया, लेकिन नया फार्म नहीं भरा। ऐसे छात्रों को काउंसिलिंग से बाहर कर दिया गया था। छात्रों ने इस पर आपत्ति करते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। छात्रों का आरोप है कि जब वे फार्म रिसेट कर रहे थे तो साफ्टवेयर में तकनीकी त्रुटि की वजह से फार्म पूरा नहीं भर पाए। ऐसे में फार्म रिसेट करने की आखिरी तारीख निकल गई। उनका पक्ष जाने बिना ही काउंसिलिंग कमेटी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया, जो गलत है।