बस्तर के जलप्रपात इन दिनों पूरे शबाब पर हैं और इन्हें देखने बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। इधर देश के सबसे चौड़े चित्रकोट जलप्रपात को निहारने के बाद लोग मेंदरी और तामड़ा घूमर भी पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले सैलानियों की शिकायत है कि हजारों सैलानी विशाल चित्रकोट को देखने देश के कोने -कोने से पहुंचते हैं लेकिन चित्रकोट के आसपास और क्या-क्या देखने लायक है। इसकी जानकारी वहां उपलब्ध नही कराई जाती इसलिए 90 प्रतिशत सैलानी मेंदरी-तामड़ाघूमर, नारायणपाल, कुरूषपाल मंदिर, खाल्हेपारा में बिखरी पड़ी ऐतिहासिक मूर्तियां व घूमरमंडपारा का विशाल शिवलिंग देख नहीं पाते। जगदलपुर-चित्रकोट मार्ग पर चित्रकोट से मारडूम मार्ग पर करीब 12 किमी दूर खूबसूरत मेंदरीघूमर और तामड़ा घूमर नामक दो जलप्रताप भी है लेकिन प्रचार – प्रसार के अभाव में लोग यहां नहीं पहुंच पा रहे है।
सैलानियों को घूमाने वाले टैक्सी चालक ही अपने हिसाब से इन्हे उक्त स्थानों तक ले जाते हैं। जिला प्रशासन या छग पर्यटन मंडल द्वारा इनका प्रचार प्रसार नही किया गया है, इसलिए चित्रकोट आने वाले सैलानी इस प्रक्षेत्र के अन्य दर्शनीय स्थलों से वंचित हो रहे है। मटनार घाटी में करीब 90 फीट गहरी घाटी के मेंदरीघूमर और तामड़ाघूमर का सौंदर्य निहारने पहुंचे धमतरी के रामलाल साहू, मदन नाग सिहावा के जितेन्द्र धु्रव, मालती और एश्वर्या ने बताया कि इन जलप्रपातों की जानकारी उन्हे नही थी। साथ आए वाहन चालक द्वारा जानकारी देने पर ही यहां पहुंचे हैं वरना इन्हे देखने से वंचित रह जाते।
इधर रायपुर से आए पुनारद निषाद, राजेश साहू और मनोज वर्मा ने नाराजगी प्रकट करते कहा कि चित्रकोट में जलप्रपात के अलावा और भी बहुत कुछ देखने लायक है, इसका ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया हैं । चित्रकोट में कम से कम एक ऐसा नक्शा प्रदर्शित किया जाना चाहिए जिसे देख कर लोगा आसपास के दर्शनीय स्थलों तक जा सके। संबंध में चित्रकोट पर्यटन विकास समिति को भी पहल करनी चाहिए।