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झारखंड में अग्निशमन विभाग का हाल: 150 दमकल गाड़ियों में तेल भरवाने के पैसे नहीं, 3 महीने से 400 स्टाफ को नहीं मिली सैलरी

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झारखंड में अग्निशमन विभाग बदहाली के दौर से गुजर रहा है. आग को बुझाने वाला यह विभाग खुद परेशानियों और मुसीबतों की चिंगारी से जूझ रहा है. हाल ये है कि राज्यभर के करीब 150 से ज्यादा दमकल गाड़ियों में तेल भराने के लिए विभाग के पैसे नहीं हैं. साथ ही 400 कर्मचारियों का वेतन भुगतान भी पिछले तीन महीनों से नहीं हो पाया है.

सड़क पर अचानक घंटी बजाते दमकल की गाड़ी तेजी से गुजरती है, तो लोगों को यह समझने में देर नहीं लगती कि कहीं पास में आग लगी है. लेकिन आग को बुझाने वाला अग्निशमन विभाग पिछले कुछ महीनों से राज्य सरकार की लापरवाही और उदासीनता की आग से झुलस रहा है

डोरंडा में पदस्थापित फायर सेफ्टी ऑफिसर गोपाल यादव बताते हैं कि राज्यभर के करीब 42 फायर स्टेशन पर मौजूद 150 दमकल गाड़ियों में पिछले 3 महीनों से तेल भराने के पैसे नहीं हैं. हाल यह है कि राजधानी रांची के चार फायर स्टेशनों में सब कुछ क्रेडिट पर चल रहा है. दमकल गाड़ियों में क्रेडिट पर तेल देने वाले ऑथराइज्ड पेट्रोल पंपों को भी पिछले 9 महीने से भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में उधारी पर तेल मिलना कब बंद हो जाए कोई नहीं जानता.
दरअसल नियमानुसार दमकल की गाड़ियों में तेल को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी फायर स्टेशन प्रभारी की होती है. ऐसे में कई बार आपात स्थिति में उन्हें अपने वेतन के पैसे से ही गाड़ियों में तेल भराना पड़ता है. लेकिन परेशानी यह है कि राज्यभर के अग्निशमन विभाग के करीब 400 कर्मियों को पिछले 3 महीने से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है।.

राजधानी रांची में कुल 4 फायर स्टेशन हैं, जो राजेंद्र चौक, डोरंडा, ऑड्रे हाउस, पिस्का मोड़ और धुर्वा में मौजूद हैं. इन सभी फायर स्टेशनों पर मैन पावर की भी बेहद कमी है. ऑड्रे हाउस फायर स्टेशन के प्रभारी दिलीप राम केसरी बताते हैं कि एक तरफ दमकल गाड़ियों में तेल भराने की चुनौती तो दूसरी तरफ वेतन का भुगतान नहीं होने से कर्मचारी बेहद परेशान हैं. उनकी मानें तो मुख्यालय में डीजी का पद खाली होने की वजह से अक्टूबर महीने से कर्मचारियों का वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में उन्हें परिवार के साथ- साथ दमकल गाड़ियों की भी दोहरी जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है.

लीडिंग फायरमैन कृष्ण बल्लभ ने बताया कि फायर स्टेशन में मैन पावर की बेहद कमी है. दरअसल कहीं भी अगलगी की घटना होने पर दमकल की गाड़ी में ड्राइवर के अलावा 3 फायरमैन के साथ जाने का नियम है. लेकिन मैन पावर की कमी इतनी ज्यादा है कि ड्राइवर के अलावा सिर्फ दो ही लोग घटनास्थल पर जा पाते हैं.