देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) का खतरा बढ़ गया है. देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 23 नए मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना (Corona) के नए मामले सामने आने के बाद देश में एक बार फिर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कोरोना की बूस्टर डोज को लेकर कल राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की बैठक हुई लेकिन विशेषज्ञों का पैनल किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका. बता दें कि एनटीएजीआई की बैठक में इस बात पर निर्णय लिया जाना था कि क्या उच्च जोखिम वाले लोगों को बूस्टर डोज दी जाए या नहीं. एनटीएजीआई से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एनटीएजीआई द्वारा अभी तक कोई सिफारिश नहीं की गई है. अभी हमारी कोशिश है कि कमजोर बच्चों के लिए जल्द से जल्द टीके को मंजूरी दी जाए. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस सप्ताह के अंत तक इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुकाबिक कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने आंकड़ों का आकलन किया है, जो बताता है कि देश में कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए. फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ बुजुर्गों को भी बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगाई गई थी. इन सभी लोगों को वैक्सीन लगे काफी ज्यादा समय हो चुका है और उनके संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है. एक अधिकारी ने कहा, एनटीएजीआई इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहा है, उसके बाद ही बूस्टर डोज को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की आज अहम बैठक होने वाली है, जिसमें उन लोगों के लिए बूस्टर डोज के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जो गंभीर संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में जहां तक भारत में टीकों का संबंध है, प्रतिरक्षा में कमी का सुझाव देने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं. हम डेटा को करीब से देख रहे हैं, जिसमें अस्पताल में भर्ती मरीजों की प्रवृत्ति या फिर से संक्रमण शामिल है. इस तरह के फैसले सिर्फ इसलिए जल्दबाजी में नहीं लिए जा सकते क्योंकि ओमिक्रॉन एक नया वैरिएंट है. हम देख रहे हैं कि वैक्सीन लगवाने के बाद युवाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर अभी भी बहुत अच्छा है.
अभी तक ओमिक्रॉन के हल्के लक्षण ही दिखाई पड़े हैं
भारत में भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस बढ़ रहे हैं. अब तक देश में इस नए वैरिएंट के 23 केस मिल चुके हैं. मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने कहा है, हमें लग रहा है कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण हुआ है, उनमें लक्षण आज तक हल्के मिले हैं. उनको कोई ज्यादा बुखार नहीं है. कोई ज्यादा तकलीफ नहीं है. सांस लेने में भी दिक्कत नहीं है. इसमें हॉस्पिटल में आने की जरूरत बहुत कम पड़ रही है और लोगों का इलाज घर पर ही हो रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘जो ओमिक्रॉन से संक्रमित निकल रहे हैं, उनको आइसोलेट किया जा रहा है ताकि दूसरों को यह ना फैले.
ओमिक्रॉन वैरिएंट के क्या हैं लक्षण :-
बहुत ज्यादा थकान
हल्का सिरदर्द
पूरे शरीर में दर्द
गले में खराश
सूखी खांसी
दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स ने ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में अत्यधिक थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और सूखी खांसी जैसे लक्षणों पर गौर किया. कुछ मरीजों में तेज बुखार भी देखा गया है.