दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway), यमुना और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है. तीनों एक्सप्रेसवे को एयरपोर्ट से जोड़ने का काम नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) करेगी. खास बात ये है कि पहले दिल्ली-मुम्बई और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इसके बाद सभी वाहन 800 मीटर लम्बे एलिवेटेड रोड से एयरपोर्ट के टर्मिनल तक पहुंचेंगे. इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway) के 32 किमी पाइंट पर एक इंटरचेंज बनाया जाएगा. यहां चार लूप भी बनाए जाएंगे.
एयरपोर्ट से ऐसे जुड़ेगा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे
हरियाणा के बल्लभगढ़ से होते हुए चंदावली के पास दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे का एक हिस्सा गुजर रहा है. बल्लभगढ़ से जेवर की दूरी करीब 31 किमी है. हरियाणा सरकार के साथ मिलकर यूपी सरकार ने जेवर पाइंट पर दोनों एक्सप्रेस वे को जोड़ने की मांग रखी थी. हालांकि शुरू में जमीन अधिग्रहण के खर्च पर हरियाणा सरकार तैयार नहीं हुई थी.
31 किमी के हाइवे में 7 किमी का हिस्सा यूपी में है तो बाकी का हरियाणा के हिस्से में. बल्लभगढ़ से आने वाली सड़क यमुना एक्सप्रेसवे के 32वें किलोमीटर पर जुड़ेगी. यहां इंटरचेंज की मदद से ट्रैफिक यमुना एक्सप्रेसवे पर आगे बढ़ जाएगा. इंटरचेंज पर ही चार लूप भी बनाए जाएंगे. दो लूप चढ़ने और दो उतरने के लिए होंगे.
एयरपोर्ट से जोड़ने को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर बनेगा इंटर सेक्शन
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे भी जेवर के पास यमुना एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएगा. जयपुर या हरियाणा और पंजाब की साइड से आने वाले वाहन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से उतरकर पहले बल्लभगढ़ से आने वाले लिंक रोड और बाद में यमुना एक्सप्रेस वे पर चढ़ जाएंगे. इस तरह ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बल्लभगढ़ से आने वाली लिंक रोड से जुड़ जाएगा.
यहां एक इंटर सेक्शन भी बनाया जाएगा. उसके बाद वाहन आसानी से जेवर एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे. इतना ही नहीं यह वाहन आगे आगरा से सीधे लखनऊ, कानपुर की ओर भी निकल जाएंगे. ग्वालियर, भोपाल-इंदौर होते हुए महाराष्ट्र भी जाया जा सकता हैं और कानपुर के रास्ते कोलकाता चले जाएंगे. इसके लिए आगरा शहर में एंट्री करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और एंट्री-नो एंट्री का चक्कर भी नहीं रहेगा.