दुनिया के कई देशों के साथ ही भारत में भी को कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के केस बढ़ रहे हैं. अब तक देश में इस नए वेरिएंट के 21 केस मिल चुके हैं. इसे लेकर विशेषज्ञों की ओर से चिंता जाहिर की जा रही है. कई राज्यों ने अपने यहां नियमों को कड़ा कर दिया है. साथ ही विदेश से आ रहे यात्रियों की खास स्क्रीनिंग हो रही है. इस बीच मेदांता हॉस्पिटल के सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान (Dr. Naresh Trehan) ने भी ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि इस वेरिएंट के संबंध में खास सतर्कता बरते जाने की जरूरत है.
डॉ. त्रेहान ने कहा है, ‘हमें लग रहा है कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण हुआ है, उनमें लक्षण आज तक हल्के मिले हैं. उनको कोई ज्यादा बुखार नहीं है. कोई ज्यादा तकलीफ नहीं है. सांस लेने में भी दिक्कत नहीं है. इसमें हॉस्पिटल में आने की जरूरत बहुत कम पड़ रही है और लोगों का इलाज घर पर ही हो रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘जो ओमिक्रॉन से संक्रमित निकल रहे हैं, उनको आइसोलेट किया जा रहा है ताकि दूसरों को यह ना फैले. लेकिन अभी अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिस तरीके से सारी दुनिया में इसकी पहचान हुई है कि ये शायद कुछ महीने पहले से ही फैल रहा था और हमें यह पता ही नहीं था कि इस वेरिएंट में क्या है. ये साउथ अफ्रीका की लैब से पता चला.’
डॉ. त्रेहान ने कहा है कि ये पक्की बात है कि जो साउथ अफ्रीका और उस क्षेत्र से आ रहे हैं, उनमें ओमिक्रॉन अधिक फैला हुआ है. इसके फैलने की क्षमता दूसरी लहर वाले डेल्टा वेरिएंट से काफी अधिक है. इसका मतलब यह है कि लोगों को संक्रमण होना और उसका फैलना बहुत खतरनाक है इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि लोग यह ना सोचें कि कोरोना खत्म हो गया है, यह खत्म नहीं हुआ है. यह नया वेरिएंट और भी खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट का कोरोना वायरस एक शख्स को होता था. उससे 6-7 लोगों को होता था. लेकिन ओमिक्रॉन में 12 से 18 लोगों को ये फैल रहा है. इसलिए हमें फिर से मास्क पहने रखना है. भीड़ वाली जगह से बचना है. अगर आपको जाना भी पड़ता है, तो डबल मास्क लगाकर जाएं.
डॉ. त्रेहान ने कहा है कि ये कितना खतरनाक होगा यह दुनिया में किसी को नहीं पता. हमें इसे फैलने से रोकना है. इसलिए अभी जितने संक्रमित आ रहे हैं, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग करना जरूरी है पर यह भी पता होना चाहिए कि जीनोम सीक्वेंसिंग में टाइम लगता है. इसमें 5 से 7 दिन लगते हैं.