आज धनतेरस का त्योहार है. जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है. धनतरेस के दिन सोने में निवेश काफी शुभ माना जाता है. जो भी आर्थिक तौर पर सक्षम है वो सोना जरुर खरीदता है. सोना काफी महंगा है हालांकि ये दीगर बात है कि पिछले साल के मुकाबले फिर भी सोने के दाम कम है. सोना जब इतना महंगा है तो सोने की खरीदारी करते समय कुछ बातों का ध्क्तायान रखना बेहद जरुरी है. पुराने जमाने से लोग सोना खरीदते रहे हैं क्योंकि ये निवेश का बेहतरीन विकल्प रहा है. 22 कैरेट सोना 46,950 रुपये प्रति 10 ग्राम में मिल रहा है तो 24 कैरेट सोना 51,200 रुपये में. कई अंतरराष्ट्रीय जानकतार मानते हैं कि बढ़ती महंगाई के मद्देनजर सोने के दाम भविष्य में 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को भी छू सकता है. पर सोने की खरीदारी करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो आपका निवेश सुरक्षित रहेगा.
कैसे करें गोल्ड में निवेश
सोने में निवेश करने के लिए आभूषण, बार और सिक्कों के रूप में सोना खरीदना आमतौर पर पसंदीदा तरीका है, लेकिन यह एक महंगा सौदा भी है क्योंकि इसमें जीएसटी और मेकिंग चार्ज शामिल होता हैं और शुद्धता और रखने की चिंता उससे जुड़ा खर्च भी होता है. इसलिये केवल Physical Gold ही नहीं बल्कि सोने की खरीदारी के और भी विकल्प हैं. आप गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि आपको शुद्धता, भंडारण और अन्य शुल्कों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
सोना खरीदने से पहले आपको 5 बातों का ध्यान रखना होगा
हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदें
सोने के आभूषण खरीदने का सबसे सुरक्षित तरीका हमेशा हॉलमार्क वाला ही ज्वेलरी खरीदें. भारतीय मानक ब्यूरो की पहचान सोने की शुद्धता सुनिश्चित करती है. सोना 18 कैरेट और उससे कम, 22 कैरेट और 24 कैरेट जैसे शुद्धता के विभिन्न रूपों मिलता है. हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदना बेहतर है ताकि सोने की शुद्धता की गारंटी होती है.
सोने की कीमत चेक करें
आज सोने की कीमत है, इसकी जानकारी आप ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं. ज्वेलर्स से भी आपको कीमत की जानकारी हासिल हो सकती है.
मेकिंग चार्ज पर सौदा
अगर आप सोने की ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो मेकिंग चार्जेज जानना बेहद जरूरी है. मेकिंग चार्ज गहने की लागत का 30 फीसदी तक हो सकता है. हर ज्लवेलर्स मेकिंग चार्ज पर भारी डिस्काउंट देता है, इसलिये मेकिंग चार्ज को लेकर मोलभाव जरुर करें.
बिल मांगना न भूलें
सोने की खरीदारी का बिल अपने पास जरुर रखें. ताकि कुछ वर्षों के बाद उसी सोने को बेचते हैं तो ज्वेलर्स आपसे बिल की मांग कर सकता है. साथ ही कैपिटल गेन टैक्स की गणना के लिए भी बिल रखने से खरीद मुल्य का पता लग सकता है. इसके अलावा, निकट भविष्य में कोई विवाद सामने आता है, तो चालान काम आ सकता है. बिल रखना अपने रिकॉर्ड के लिये भी जरुरी है.
वजन जांचना जरूरी
सोने की खरीदारी के समय उसका वजन जानना बेहद जरुरी है क्योंकि उसी से सोने के आभूषण के कीमत का पता लगता है. छोटे शहरों या गांवों में कई ज्वेलर्स सोने की गलत माप के जरिये ग्राहकों को चूना लगा चुका चुके हैं जिसकी शिकायतें कई बार सामने आई है.