लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) को दस दिन से अधिक का समय बीत चुका है. इस हादसे में 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 4 किसान, 3 भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल थे. इस हादसे के बाद जहां विपक्षी दल के नेता हादसे में मारे गए किसानों के घर पहुंचे और उन्हें सांत्वना देने में लगे रहे, वहीं बुधवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानून मंत्री बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) लखीमपुर तो गए लेकिन हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा के परिवार से ही मिलकर वापस लौट आए. उन्होंने दोनों ही परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया.
हालांकि उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक लखीमपुर हादसे में मारे गए किसी भी किसान परिवार से मिलने नहीं गए. लखीमपुर के किसानों में नछत्तर सिंह और लवप्रीत सिंह हैं, जिनकी हादसे में मौत हो गई थी. वहीं भाजपा कार्यकर्ता श्याम सुंदर निषाद और पत्रकार रमन कश्यप भी हादसे की भेंट चढ़ गए थे. बता दें कि लखीमपुर हादसे में मारे गए दो अन्य किसान गुरविंदर सिंह और दिलजीत सिंह बहराइच के रहने वाले थे.
बृजेश पाठक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, स्थिति सामान्य होने के बाद मैं श्याम सुंदर निषाद और पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से भी मिलने जाऊंगा. इन लोगों का घर उस जगह पर हैं, जहां पर ये घटना हुई थी. वहीं मृतक किसानों के परिवारों से मिलने को लेकर बृजेश पाठक ने कहा कि हालात जैसे ही सामान्य होंगे, वह सभी किसानों के परिजनों से बातचीत करेंगे. हालांकि बृजेश पाठक के इस दौरे को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है और इसे योगी सरकार की नाकामी से ध्यान हटाने की कोशिश बताया है.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने पहले ही चेतावनी देते हुए कहा है कि मारे गए किसानों के परिवारों से बीजेपी के किसी मंत्री का मिलना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी नेता को मृतक किसानों के परिवार से मिलना है तो पहले उन्हें परिवार से अनुमति लेनी चाहिए. बता दें कि बहराइच में 18 वर्षीय गुरविंदर सिंह के भाई गुरु सेवक ने कहा कि मंत्री को राजनीति के लिए नहीं, बल्कि हमारे दुख को साझा करने के लिए आना चाहिए. अगर सच में उन्हें हमारे परिवार को सांत्वना देने आना है तो अपनी पार्टी का झंडा हटाकर आना चाहिए.
वहीं बृजेश पाठक के दौरे को लेकर यूपी कांग्रेस के राज्य प्रमुख अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार हादसे के 10 दिन बाद लखीमपुर में अपने नेताओं को भेजकर इस मामले से लोगों का ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि यूपी की सरकार अपराधियों को शरण देने का काम करती है. हादसे के दस दिन बाद जिस तरह से सरकार के मंत्री का दौरा हुआ है, उसे देखने के बाद पता चलता है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने का उनका कोई इरादा नहीं है.