नई दिल्ली। आदिवासियों को विजय माल्या से बैंक का इस्तेमाल करने की सलाह देने वाले केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने कहा है कि उन्होंने ऐसा कहकर गलती की है। उरांव ने कहा है कि वो किसी और का नाम लेना चाहते थे लेकिन गलती से उन्होंने विजय माल्या का नाम ले दिया था। उरांव ने कहा कि मैं मानता हूं के ये मेरी गलती थी। जनजातीय कल्याण मंत्री ने शुक्रवार को हैदराबाद में राष्ट्रीय जनजातीय उद्यमी कॉन्क्लेव 2018 में कहा था कि विजय माल्या की तरह स्मार्ट बनिए, देखिए किस तरह से माल्या ने बैंकर्स, राजनीतिज्ञ और सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया।
उरांव ने विजय माल्या के बारे में कहा कि वो कौन हैं। आप उसे गाली दे सकते हैं लेकिन वो स्मार्ट आदमी है, उसने कुछ होशियार बैंकर्स, राजनेता और सरकारी एजेंसियों को अपने साथ मिलाया, सिस्टम को प्रभावित किया। ऐसा करने से आदिवासियों को किसने रोका है? आप लोगों से किसने कहा है कि आप सिस्टम को प्रभावित न करें। सिर्फ हार्ड वर्कर मत बनो, स्मार्ट वर्कर बनो।
इस सम्मेलन में उन्होंने आदिवासियों को बताया कि अगर आदिवासी होने का कुछ नुकसान है, तो इसके कुछ फायदे भी हैं। आदिवासी होने का नुकसान यह है कि अगर कोई आदिवासी अपने जीवन में सफल भी होता है, तो उसे वह पहचान नहीं मिलती, जिसका वह हकदार है। उनकी कामयाबी को भी लोग आरक्षण से जोड़कर देखते हैं और इस नजरिए के कारण उनके साथ अलग व्यवहार करते हैं। इसके कारण ज्यादातर आदिवासी खुद के साथ भेदभाव महसूस करते हैं। उरांव ने कहा कि इस कारण कई आदिवासी अपना सरनेम भी छिपाने लगे हैं। इस कार्यक्रम में 1000 से ज्यादा आदिवासाी उद्यमी मौजूद थे।