ब्रिटेन की सरकार ने काबुल हवाईअड्डे (Kabul Airport) पर आतंकवादी हमला होने की आशंका व्यक्त करते हुए, अफगानिस्तान (Afghanistan) में अपने नागरिकों को हवाईअड्डे से दूर रहने को कहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डा क्षेत्र से लोग ‘‘ सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और अगले आदेश का इंतजार करें.’’ अफगानिस्तान में ब्रिटेन के कितने नागरिक हैं, इसकी अभी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है. ब्रिटेन की सेना ने हाल में वहां से 11,000 से अधिक लोगों को निकाला है, जिसमें ब्रिटेन के हजारों नागरिक और सात हजार से अधिक अफगान शामिल हैं. ब्रिटेन तनावग्रस्त देश से अमेरिकी सेना के निकलने से पहले वहां अपना निकासी अभियान पूरा करने की योजना बना रहा है.
वहीं, दूसरी तरफ, अफगानिस्तान के ताजा हालात को लेकर‘जी-7’ समूह की वर्चुअल मीटिंग हुई. मीटिंग के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया है कि नेताओं ने तालिबान के साथ भविष्य में काम करने के लिए रोडमैप तैयार करने पर सहमति जताई है. ‘जी-7’ समूह के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अफगानिस्तान से विदेशियों और अफगान नागरिकों की सुरक्षित निकासी तत्काल प्राथमिकता बनी हुई है.
संयुक्त बयान में यह संकेत दिया गया है कि अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से निकालने की समय सीमा टूट सकती है. जॉनसन ने कहा कि जी-7 के सदस्यों की शर्त है कि तालिबान को यह गारंटी देनी होगी कि जो लोग समय सीमा के बाद देश से निकलना चाहते हैं उन्हें सुरक्षित निकलने दिया जाए. ‘जी-7’ समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं.