Home News भयानक आपदा, सीएम शिवराज ने कहा- चारों ओर हुई बर्बादी

भयानक आपदा, सीएम शिवराज ने कहा- चारों ओर हुई बर्बादी

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 मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) में आई भीषण बाढ़ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने शुक्रवार को कहा कि ये भयानक प्राकृतिक आपदा है. मैंने अपनी जिंदगी में जितना अनुभव लिया है, उसके हिसाब से ये भयानक है. जब मैं कल गांव-गांव गया तो त्रासदी देखी. ऐसी भयानक त्रासदी मैंने भी अपने जीवन में नहीं देखी. मकान पूरी तरह ढहकर मलबों में बदल गए हैं. मुख्यमंत्री शुक्रवार को बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भीषण बाढ़ में हजारों मकान ढेर हो गए. घरों में रखा सामान नष्ट हो गया. अनाज अंकुरित हो गया. बर्तन-भाड़े-कपड़े, जरूरत का सामान सब नष्ट हो गया, मवेशी बह गए. कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास कुछ नहीं बचा. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत के कामों के लिए हमारे प्रभारी मंत्री व स्थानीय मंत्री काम कर रहे हैं. हमारा इंफ्रास्ट्रक्टर बर्बाद हो गया. बिजली, बिजली के सब स्टेशन, बिजली के खंभे, टेली कम्यूनिकेश की सब व्यवस्था, सड़के, पुल, भयानक सब तबाह हो गया.

इंसानों की जान बचाने का संतोष- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि संतोष इस बात का है कि समय रहते हमने रेस्क्यू ऑपरेशन किए. मैं आज इस बैठक में अपनी आर्मी, एनडीआरफ टीम, एसडीआरएफ टीम, पुलिस, प्रशासन के साथियों और मेरे प्रभारी मंत्रियों को धन्यवाद देना चाहता हूं. हम सभी ने प्रयत्न किया. हमने जाने नहीं जाने दीं. हमारी पहली प्राथमिकता इंसानों को बचाने की थी. उसमें हम सफल हुए. लेकिन चुनौति बड़ी है.

11 विभागों को मिलाकर बनाई टास्कफोर्स

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बाढ़ के बाद के हालात से निपटने के लिए 11 विभागों को मिलाकर टास्क फोर्स बनाई गई है. हर काम कलेक्टर पर नहीं छोड़ा जा सकता. हमें सबसे पहले पीड़ितों की भोजन की व्यवस्था करनी है और हमने इसे शुरू कर दिया है. जैसे-जैसे परिस्थितियां सामान्य होंगी, उसके साथ ही हमें क्षति के आकलन के लिए सर्वे प्रारंभ करना होगा. ताकि, नुकसान की भरपाई शीघ्र की जा सके.

सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को तत्काल राहत देने के लिए 50 किलो अतिरिक्त अनाज प्रदान किया जाएगा. जिनके घर बाढ़ में टूट या गिर गए हैं, उनके मकान तत्काल तो नहीं बन सकते, लेकिन उसकी भरपाई की जा सकती है. शिवराज ने कहा-  मेरे मन में खयाल आ रहा है कि ऐसे परिवारों को 6 हजार रुपए किराये के रूप में दे दिया जाए, तो उनकी व्यवस्था ठीक हो सकती है. हमारे नरोत्तम मिश्रा, उनका खुद रेस्क्यू करना पड़ा. लोगों को बचाने वह उतर पड़े. हमारे मंत्री सुरेश धाकड़ और प्रभारी मंत्री ने जबरदस्त परिश्रम किया.