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कानून से ‘तीन तलाक’ के मामलों में कमी आई, मुस्लिम महिलाओं का संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित हुआ: नकवी

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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि ‘तीन तलाक’ (तलाक-ए-बिद्दत) विरोधी कानून बनने के बाद तीन तलाक के मामलों में कमी आई और मुस्लिम महिलाओं का संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकार सुनिश्चित हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस कानून के अस्तित्व में आने वाले दिन एक अगस्त को मनाए जाने वाले ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के मौके पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा।

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक जुलाई, 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को एक अगस्त्, 2019 को मंजूरी दी थी और इसी के साथ यह कानून अस्तित्व में आ गया था।

नकवी ने एक बयान में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 1 अगस्त 2019 के दिन “तीन तलाक” को कानूनी अपराध घोषित किया था। ‘तीन तलाक’ के कानूनी अपराध बनाये जाने के बाद बड़े पैमाने पर तीन तलाक की घटनाओं में कमी आई है। देश भर की मुस्लिम महिलाओं ने इसका स्वागत किया है।”

नयी दिल्ली में एक अगस्त को “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी; केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव उपस्थित रहेंगे।

नकवी ने कहा कि ‘तीन तलाक’ को कानूनन अपराध बना कर मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के “आत्म निर्भरता, आत्म सम्मान, आत्म विश्वास” को पुख्ता कर उनके संवैधानिक-मौलिक-लोकतांत्रिक एवं समानता के अधिकारों को सुनिश्चित किया है।