झारखंड सरकार के खिलाफ हुई साजिश की जांच तेजी से चल रही है. अगर जांच की दिशा सही रही तो दिल्ली जाने वाले तीन विधायकों की मुसीबत बढ़ जाएंगी. पुलिस ने मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा लगाई है. इसके बाद उम्मीद भी जताई जा रही है कि यही धारा आगे चलकर विधायकों के लिए मुसीबत का सबब बनेगी. सरकार के खिलाफ साजिश मामले में कांग्रेस विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के बयान पर दर्ज केस में पुलिस ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा लगायी है.
जानकर बताते हैं कि पीसी एक्ट के नियमों के अनुसार जिस शख्स को प्रलोभन दिया गया और उसने प्रलोभन स्वीकार किया या उससे सहमत हुआ, वह भी केस में आरोपी बनता है. ऐसे में तीनों विधायकों पर भी पीसी एक्ट की धाराएं जुड़ सकती हैं.
साथ ही वह आरोपी भी बनाए जा सकते हैं. केस में गिरफ्तार आरोपियों ने भी अपनी स्वीकारोक्ति में बताया है कि तीनों विधायकों ने एक करोड़ एडवांस में डील की थी. पर बाद में पैसे नहीं मिलने पर वह नाराज हो गए. हालांकि ये तमाम बयान पुलिस के सामने दिए गए हैं. कोर्ट में आरोपी अपने बयान पर बरकरार रहते हैं या नहीं ये अहम बात है.
रांची पुलिस पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि सरकार के खिलाफ साजिश मामले में जेल भेजे गए तीनों आरोपियों की कन्फेशन में तीनों विधायकों के नाम नहीं हैं. जबकि आरोपियों ने कन्फेशन में उन तमाम लोगों के नाम लिए हैं.
कुंदन और संतोष कुमार के संपर्क में दो-दो विधायकों के होने, दिल्ली में चंद्रशेखर राव बावनकुले और चरण सिंह से मुलाकात और रांची के ली लैक होटल में महाराष्ट्र से आए चार लोगों का नाम-पता सारी चीजें पुलिस की स्वीकारोक्ति में हैं.
लेकिन पुलिस की स्वीकारोक्ति में तीनों विधायक का नाम दर्ज नहीं है. सिर्फ उनकी ओर से दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट के पीएनआर का नंबर आरोपियों की ओर से दिया गया है. हालांकि इरफान अंसारी ने उसी PNR पर दिल्ली जाने की बात भी स्वीकार की है. लेकिन कहते हैं कि वे हेमंत के हनुमान हैं.
अनुसंधान के लिए रांची एसएसपी ने चार अलग अलग टीमें बनायी हैं. आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल और उससे जुड़ी फॉरेंसिक जांच और सीडीआर (CDR) के लिए साइबर डीएसपी यशोधरा के नेतृत्व में टीम बनी है. वहीं दिल्ली और बाहर के राज्यों में जाकर जांच करने के लिए खलारी डीएसपी अनिमेष नैथानी के नेतृत्व में टीम काम करेगी.
होटल ली लैक में महाराष्ट्र से लोगों के आने, उनसे मुलाकात करने वालों के विषय में सीसीटीवी के जरिए साक्ष्य जुटाने का काम कोतवाली इंस्पेक्टर शैलेश प्रसाद और लालपुर इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह को दिया गया है. जबकि मुख्य अनुसंधानक सदर डीएसपी हैं, उन्हें भी जांच में सहयोग के लिए दारोगा स्तर के पदाधिकारियों की टीम दी गई है. बताया जा रहा है कि एक टीम दिल्ली रवाना भी हो चुकी है.
इधर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी के पक्ष में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जामताड़ा में नारेबाजी की है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी के पक्ष में भारी उबाल देखा गया.
कार्यकर्ताओं ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के ही चंद नेता उन्हें बदनाम करने में लगे हैं. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. झारखंड की राजनीति में अगर कोई ईमानदार राजनेता है तो वह हमारे विधायक डॉ इरफ़ान हैं. वो डरकर राजनीति नहीं करते हैं. वह जामताड़ा के शेर हैं.