‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने दर्जनों बार लिया जॉर्जिया का नाम
नयी दिल्ली : मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के 79वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दो देशों का कई बार नाम लिया. मोदी ने जॉर्जिया (Georgia) का दर्जनों बार नाम लिया और भारत का उसके साथ संबंधों का जिक्र किया. इसी महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जॉर्जिया का दौरा किया और कई मुद्दों पर वहां की सरकार से चर्चा की. पीएम मोदी ने इसी का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले बहुत ही भावुक इवेंट हुआ, जिससे भारत-जॉर्जिया मैत्री को नयी मजबूती मिली.
जयशंकर ने भारत-जॉर्जिया सहयोग की कही थी बात
एस जयशंकर ने अपने दौरे के क्रम में जाल्केलियानी में कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल को भारत आने का न्यौता दिया. उन्होंने उस समय कहा था कि हम भारत और जॉर्जिया के बीच हम पर्यटन, व्यापार और संपर्क के साथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करेंगे. जॉर्जिया में कुछ बड़ी विद्युत और इस्पात परियोजनाएं भारत के सहयोग से चल रही हैं. भारत के साथ इस देश के पर्यटन संबंध भी हैं. करीब 8000 से ज्यादा भारतीय छात्र जॉर्जिया में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि एक समारोह में भारत ने सेंट क्वीन केटेवान (Saint Queen Ketevan) के होली रेलिक (Holy Relic) यानि उनके पवित्र स्मृति चिन्ह जॉर्जिया की सरकार और वहां की जनता को सौंपा, इसके लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वयं वहां गये थे. इस समारोह में, जॉर्जिया के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई धर्म गुरु, और बड़ी संख्या में जॉर्जिया के लोग उपस्थित थे. इस समारोह ने दोनों देशों के साथ ही, गोवा और जॉर्जिया के बीच के संबंधों को भी और प्रगाढ़ कर दिया है.
जॉर्जिया सरकार को सौंपे गये होली रेलिक जो सेंट क्वीन केटेवान के पवित्र अवशेष हैं, 2005 में गोवा के संत ऑगस्टिन चर्च से मिले थे. इसलिए इससे गोवा और जॉर्जिया के संबंध मजबूत हुए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच के संबंध को कई सौ साल पुराना बताया. उन्होंने कहा कि दरअसल, ये आज से चार सौ-पांच सौ साल पहले की बात है. क्वीन केटेवान जॉर्जिया के राजपरिवार की बेटी थीं
मोदी ने कहा कि दस साल के कारावास के बाद 1624 में वो शहीद हो गई थीं. एक प्राचीन पुर्तगाली दस्तावेज के मुताबिक सेंट क्वीन केटेवान की अस्थियों को पुराने गोवा के संत ऑगस्टिन चर्च में रखा गया था. लंबे समय तक यह माना जाता रहा कि गोवा में दफनाये गये उनके अवशेष 1930 के भूकंप में गायब हो गये थे. भारत सरकार और जॉर्जिया के इतिहासकारों और जॉर्जियन चर्च के दशकों के अथक प्रयासों के बाद 2005 में उन पवित्र अवशेषों को खोजने में सफलता मिली थी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यह विषय जॉर्जिया के लोगों के लिए बहुत ही भावनात्मक है. इसीलिए उनके ऐतिहासिक, धार्मिक और आत्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इन अवशेषों का एक अंश जॉर्जिया के लोगों को भेंट में देने का निर्णय लिया. पीएम मोदी ने जॉर्जिया के साथ सिंगापुर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस महीने की शुरुआत में सिंगापुर के साथ भी गौरवशली अवसर सामने आया है.
पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री और मेरे मित्र, ली सेन लुंग (Lee Hsien Loong) ने हाल ही में जिर्णोद्धार किये गये सिलाट रोड गुरुद्वारा का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने पारंपरिक सिख पगड़ी पहनी थी. यह गुरुद्वारा लगभग सौ साल पहले बना था और यहां भाई महाराज सिंह को समर्पित एक स्मारक भी है. भाई महाराज सिंह जी ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी और ये पल आज़ादी के 75 साल मना रहे हैं तब और अधिक प्रेरक बन जाता है. इनसे यह भी पता चलता है कि सौहार्दपूर्ण माहौल में रहने और एक-दूसरे की संस्कृति को समझने का कितना महत्व है.