नई दिल्ली. राजद्रोह कानून (Sedition Law) एक बार फिर चर्चा में है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना (NV Ramana) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की बेंच ने इस कानून को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. अदालत ने सरकार से आजादी के 75 साल बाद भी ‘औपनिवेशिक’ युग के इस कानून की जरूरत को लेकर सवाल पूछा है. एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने कोर्ट में राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता चुनौती दी थी.
अधिकारी ने याचिका में कहा था कि इससे भाषण प्रभावित होता है. साथ ही मौलिक अधिकारों में शामिल अभिव्यक्ति की आजादी पर अनुचित पाबंदी लगती है. चीफ जस्टिस रमन्ना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने याचिकाकर्ता को याचिका की एक कॉपी एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को देने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि राजद्रोह की बात करने वाली धारा 124-A पर सवाल उठे हैं.
सऊदी अरब, मलेशिया, ईरान, उज्बेकिस्तान, सूडान, सेनेगल और तुर्की भी उन देशों में शामिल हैं, जहां राजद्रोह को अपराध के तौर पर देखा जाता है. ऐसे में ये जानना चाहिए कि अन्य देशों में राजद्रोह कानून कैसे काम करता है.
अमेरिका
यूएस कोड की धारा 2385 में राजद्रोह, विध्वंसकारी काम या सरकार को उखाड़ फेंकने की वकालत को लेकर बात की गई है. हालांकि, देश में अभिव्यक्ति की आजादी को बनाए रखने के लिए इस कानून को शायद ही कभी लागू किया गया हो. अमेरिकी राजद्रोह कानून 218 साल पहले सामने आया था, लेकिन इन दो शताब्दियों में कई राज्यों ने इसे खत्म कर दिया है.
कनाडा
देश में राजद्रोह कानून मौजूद है और यह हेट क्राइम से जुड़ा है. कानून को 20वीं सदी के बाद से लागू नहीं किया गया है.
जर्मनी
जर्मनी में नाजी शासन के बाद की गतिविधियों के चलते राजद्रोह कानून बड़े स्तर पर नजर आता है. देश में Volksverhetzung या लोगों को उकसाना एक कानूनी अवधारणा है.
नीदरलैंड्स
डच दंड संहिता के अनुच्छेद 111-113 में राजा, उनके उत्तराधिकारी और उनकी पत्नी का अपमान करना अपराध है.
मलेशिया
किसी शासक, सत्तारूढ़ सरकार, न्यायिक प्रशासन और संविधान के तहत प्राप्त अधिकारों के खिलाफ गतिविधियों के अलावा मलेशियाई राजद्रोह अधिनियम 1948 में नस्लीय नफरत से जुड़े भाषण भी शामिल हैं.
नॉर्वे
नॉर्वे के जनरल सिविल पीनल कोड के चैप्टर 9 में कहा गया है कि राजा या उसके प्रतिनिधि को बदनाम करना एक अपराध है.
न्यूजीलैंड
साल 2007 में द क्राइम्स (रिपील ऑफ सेडीशियस ऑफेंसेज) के आने के बाद ‘राजद्रोह’ का कृत्य अपराध नहीं रह गया है. यह 1 जनवरी 2008 से निष्प्रभावी हो गया है.
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में राजद्रोह को असंवैधानिक घोषित किया गया है.
दक्षिण कोरिया
1988 में हुए लोकतांत्रिक और कानूनी सुधारों के बाद कोरिया गणराज्य में राजद्रोह कानून को खत्म कर दिया गया था.