जगदलपुर, 28 जून । कांगेर घाटी स्थित विश्व में प्रसिद्ध प्राकृतिक रूप से बनी कोटमसर गुफा, कैलाश गुफा सहित सौंदर्य के लिये अप्रतिम्ब तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने आने वाले पर्यटकों को प्लास्टिक की सामग्री से सावधान रहना पड़ेगा। इसका कारण यह है कि कोटमसर गुफा और तीरथगढ़ जलप्रपात में प्लास्टिक के उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और यदि पर्यटक पानी की बोतल ले जाना चाहे तो उन्हें पहले नए नियम के मुताबिक जो बोतलें ले जाएंगे उन्हें कांगेर वैली नेशनल पार्क प्रबंधन को 50 रुपए प्रति बोतल के रूप में जमा करवाना होगा। जब पर्यटक वापस आकर खाली बोतल दिखाएंगे तो उन्हें यह पैसे लौटा दिए जाएंगे। अब पर्यटकों को घाटी प्रबंधन द्वारा प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार गुफाओं या तीरथगढ़ जलप्रपात में नीचे उतरने वाले लोगों को पानी बोतल साथ ले जाने से रोका जा रहा है। इस नये नियम से अभी कार्रवाई भी शुरू हो गई है और इससे अभी जलप्रपात और गुफा के पास प्लास्टिक कचरा कम नजर आ रहा है। इन दो जगहों के अलावा पूरे नेशनल पार्क इलाके में भी प्लास्टिक के उपयोग पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। इस संबंध में कांगेर घाटी संचालन के सूत्रों के अनुसार बस्तर की पहचान यहां के झरनों, झील और गुफाओं से है।
इन प्राकृतिक स्रोतों पर प्लास्टिक और प्रदूषण का खतरा मंडराने लगा है। यहां लोग मनमाने तरीके से प्लास्टिक के कैरीबैग, बोतल व अन्य सामान फेंककर चले जाते हैं। इसीलिए यह रोक लगाई गई है।