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सूरज पाल अमू: मुसलमानों पर बीजेपी नेता के फिर विवादित बोल, कहा- इन्हें देश से बाहर फेंक दिया जाना चाहिए

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बीजेपी प्रवक्ता और करणी सेना प्रमुख सूरज पाल अमू ने एक बार फिर मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण दिया है.

रविवार को गुरुग्राम में हुई महापंचायत में बीजेपी नेता अमू ने कहा कि ‘अगर वे अपनी दाढ़ी काटना जानते हैं तो हम जानते हैं कि उनका गला कैसे काटा जाए.’

हरियाणा के पटौदी शहर में हिंदू समुदाय की यह महापंचायत धर्म परिवर्तन और कथित ‘लव जिहाद’ (अंतर-धार्मिक विवाह ) के विरोध में हुई जिसमें आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए.

‘देश से बाहर फेंकने का प्रस्ताव हो पास’

उन्होंने महापंचायत में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो ‘इन’ लोगों के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव पास करें ताकि उन्हें देश से बाहर फेंक दिया जाए और सभी समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएं.

उन्होंने युवाओं को उत्तेजित करते हुए कहा कि वो उन पार्क से उन सभी पत्थरों को उखाड़ फेंके जहां पर एक ख़ास समुदाय के लोगों के नाम लिखे हों.

उन्होंने बोहरा कलां के गांववालों की प्रशंसा की जिन्होंने अपने गांव में एक मस्जिद नहीं बनने दी है. उन्होंने भीड़ से अपील करते हुए कहा ‘इन जैसी इमारतों के कामों की बुनियाद को उखाड़कर फेंक दो.’

ग़ौरतलब है कि गुरुग्राम के बोहरा कलां गांव में दो साल पहले तब तनाव पैदा हो गया था जब वहां पर एक मस्जिद बन रही थी. एक समुदाय के स्थाई निवासियों ने इसका विरोध किया था और पुलिस के दख़ल के बाद क़ानून-व्यवस्था लागू की गई थी.

अमू ने कहा कि वो इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं कि ‘इन लोगों’ को घर किराए पर न दिया जाए बल्कि इनको देश से बाहर फेंकने का प्रस्ताव अपनाया जाना चाहिए.

महापंचायत के आयोजक क्या बोले

बीबीसी से बात करते हुए पटौदी शहर में महापंचायत आयोजित करने वाले एक अधिवक्ता सुधीर मुदगिल ने कहा कि बैठक हिंदू समुदाय के लोगों को आगाह करने के लिए की गई थी कि वो धर्म परिवर्तन और समुदाय की लड़कियों को मुसलमानों से शादी करने से रोकें.

उनका दावा था कि बीते एक दशक में 18 ऐसे मामले (कथित लव जिहाद) आए हैं और इसको लेकर जागरूक रहने के लिए यह बैठकें की गईं.

साथ ही उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वो क़ानून की चिंता न करें और मुसलमान समुदाय की जनसंख्या के जवाब में 20 बच्चे पैदा करें.

करणी सेना प्रमुख अमू के विवादित बयान का बचाव करते हुए मुदगिल ने कहा कि अमू बैठक में मेहमान थे और उन्होंने जो कुछ कहा वो उनके व्यक्तिगत बयान थे और उनके सुझाए गए किसी प्रस्ताव को महापंचायत में पारित नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि, “रविवार की बैठक में जो सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास हुआ वो यह था कि गांव के स्तर पर एक समिति बनाई जाए जो धर्मांतरण या ‘लव जिहाद’ के मामलों पर नज़र रखेगी.”

गुरुग्राम के ब्राह्मणवास गांव के हेमंत शर्मा भी इस महापंचायत में शामिल थे वो इस बैठक को सही ठहराते हुए कहते हैं कि यह आवश्यक है कि हिंदू ‘लव जिहाद’ के मामलों के ख़िलाफ़ अपने हाथ मिलाएं. जब उनसे पूछा गया कि उनके गांव में या किसी जानने वाले के साथ कोई धर्म परिवर्तन हुआ है तो उन्होंने ना में जवाब दिया.

पिछले महीने मेवात के आसिफ़ ख़ान मर्डर केस में अभियुक्तों के समर्थन में हुई महापंचायत में सूरज पाल अमू ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था, “हमारे बेटे दोषी नहीं हैं. वे (मुसलमान) हमारी बहन और बेटियों की छवि बिगाड़ रहे हैं. क्या हम उनका मर्डर भी नहीं कर सकते?”

बीजेपी और पुलिस प्रशासन ने क्या कहा

सूरज पाल अमू के विवादित बयान पर बीजेपी के राज्य मीडिया प्रभारी संजय शर्मा ने कहा था कि बीजेपी हरियाणा ने पटौदी की हिंदू महापंचायत में अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा था.

उन्होंने कहा, “इस देश में किसी भी धर्म का कोई भी व्यक्ति जो रह रहा है वो भारतीय है और उसके समान अधिकार हैं और उनको फेंक देना चाहिए यह कहना ग़लत है.”

संजय शर्मा ने कहा कि जो कुछ अमू ने कहा वो उनका व्यक्तिगत बयान था न कि पार्टी प्रवक्ता के तौर पर. जब उनसे यह पूछा गया कि एक पार्टी का प्रवक्ता इस तरह से कैसे एक समुदाय को निशाना बनाते हुए बयान दे सकता है तो इस पर शर्मा ने कहा कि उनके पार्टी के साथ इस मुद्दे पर एक से विचार नहीं हैं.

मानेसर के डीसीपी वरुण सिंह ने बीबीसी से कहा है कि पुलिस को न तो अभी तक ऐसा कोई वीडियो मिला है और न ही कोई आधिकारिक शिकायत मिली हैं.

उन्होंने कहा कि अगर शिकायत मिलती है तो पुलिस वीडियो का विश्लेषण करेगी और कार्रवाई की जाएगी.