पाकिस्तान (Pakistan) के 4 प्रांतों में एक बलूचिस्तान (Balochistan) में कहर ढाने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) को अब भारत का खौफ सताने लगा है. इमरान खान ने ऐलान किया है कि वह बलूचिस्तान के विद्रोहियों के साथ बात करने के लिए तैयार हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि विद्रोही कुछ पिछली शिकायतों की वजह से पाकिस्तान सरकार से नाराज थे. हो सकता है कि भारत ने उनका इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंक फैलाने के लिए किया. हालांकि इमरान ने दावा किया कि अब बलूचिस्तान में स्थिति बदल गई है.
इमरान खान ने बलूचिस्तान के ग्वादर में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद ये बातें कही. उन्होंने कहा, ‘अगर बलूचिस्तान में विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया गया होता, तो हमें कभी भी विद्रोहियों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं होती.’ उन्होंने कहा, ‘बलूचों की पहले की शिकायतें हो सकती हैं और दूसरे देशों ने इस्तेमाल किया होगा…भारत ने उनका इस्तेमाल अव्यवस्था फैलाने के लिए किया होगा, लेकिन अब स्थिति वैसी नहीं रही.’
चीनी निवेश पर बलूच कर रहे हमले
इमरान खान ने कहा कि अभी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं हुई है कि हमारी सरकार बहुत ज्यादा पैसा बलूचिस्तान को दे सके. उन्होंने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने बलूचिस्तान के विकास की ठान ली थी. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन की 24 बार यात्रा की, लेकिन एक भी बार बलूचिस्तान नहीं आए. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दुबई की 51 बार यात्रा की लेकिन वह कभी ग्वादर नहीं आए.’
CPEC पर चीन ने 62 अरब डॉलर का किया निवेश
ग्वादर चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का बेहद अहम ठिकाना है. इस पूरे प्रॉजेक्ट पर चीन ने 62 अरब डॉलर का निवेश किया है. यही नहीं ग्वादर में चीन नौसैनिक अड्डा बनाने की तैयारी कर रहा है, ताकि उसके जंगी जहाज पूरे फारस की खाड़ी पर अपनी पकड़ को मजबूत कर सके. अभी तक इस इलाके में अमेरिकी नौसेना का दबदबा है.