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High Court News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जमानत प्रकरणों का लगा अंबार, सुनवाई के लिए सीजे ने बनाई नई व्यवस्था

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बिलासपुर।High Court News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में कोरोना के दूसरी लहर में जमानत प्रकरणों का अंबार लग गया है। आलम यह है कि पिछले पांच माह से जमानत के प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो पाई है। इसे गंभीरता से लेते हुए कार्य वाहक मुख्य न्यायाधीश ने नई व्यवस्था बनाई है। इसके तहत अब वे खुद जमानत प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। उनके साथ दो अन्य जज भी जमानत याचिकाओं की सुनवाई करेंगे। जमानत प्रकरणों के लिए नया रोस्टर सोमवार से लागू होगा।

कोरोना काल के दौरान हाई कोर्ट में पिछले फरवरी माह से जमानत प्रकरणों की सुनवाई की गति काफी धीमी चल रही है। इसके चलते धारा 438 व 439 के तहत प्रस्तुत जमानत प्रकरणों का अंबार लग गया है। कोर्ट में पांच माह से पांच सौ से अधिक प्रकरण लंबित है। इस अव्यवस्था को कार्य वाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा ने गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि उन्होंने पूर्व में जारी रोस्टर में आंशिक फेरबदल किया है। नए रोस्टर के अनुसार महीने के हिसाब से लंबित जमानत प्रकरणों की सुनवाई करने की व्यवस्था बनाई गई है।

नए रोस्टर के मुताबिक युगलपीठ में प्रकरणों की सुनवाई करने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मिश्रा खुद अप्रैल माह के लंबित जमानत प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। इसी तरह मार्च माह के लंबित जमानत प्रकरणों की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी करेंगे। जबकि, फरवरी माह के लंबित जमानत प्रकरणों की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि नया रोस्टर लागू होने के बाद जमानत प्रकरणों की सुनवाई में तेजी आएगी और इससे पक्षकारों के साथ ही वकीलों को भी राहत मिलेगी।

15 दिन में होना चाहिए निराकरण

प्रविधान के अनुसार हाई कोर्ट में धारा 438 व 439 के तहत प्रस्तुत जमानत याचिकाओं की सुनवाई 15 दिन के भीतर हो जानी चाहिए। इस तरह के प्रकरणों की सुनवाई में कोर्ट को समय का ध्यान रखना चाहिए। कोरोना काल में कोर्ट बंद होने व वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई के कारण के इस तरह की अव्यवस्था हुई है। यही वजह है कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने हस्तक्षेप कर नई व्यवस्था बनाई है।