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Press Conference: Covid affected सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ लोन गारंटी स्कीम की घोषणा

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 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज प्रेस कॉन्फ्रेंस (FM Nirmala Sitharman Press Conference) को संबोधित करते विभिन्न राहत उपायों की घोषणा की. वित्त मंत्री ने सबसे पहले हेल्थ सेक्टर से जुड़े नए राहत पैकेज (Stimulus Package) का ऐलान किया. उन्‍हाेंने कोरोना संकट के कारण उपजी आर्थिक चुनैतियों का सामना करने के लिए Covid-19 से प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस पैकेज के तहत हेल्थकेयर सेक्टर (Healthcare Sector) को 50,000 करोड़ और दूसरे सेक्टर्स के लिए 60,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. इस दौरान वित्‍त राज्‍यमंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) भी मौजूद रहे. आर्थिक राहत पैकेज
– कोविड से प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी स्कीम.
– हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए.
– अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए.
– हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95% सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगा.
– अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से ज्यादा नहीं होगी.

पढें- FM निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी राहत! टूरिस्ट गाइड्स को 1 लाख रुपये लोन तो पहले 5 लाख टूरिस्ट को मिलेगा मुफ्त वीजा

हेल्थ सेक्टर के लिए 100 करोड़ का अधितकम लोन अमाउंट
लोन गारंटी स्कीम के तहत हेल्थ सेक्टर के लिए 100 करोड़ का अधितकम लोन अमाउंट रखा गया है. जबकि इस पर अधिकतम ब्याज दर 7.95 फीसदी लगेगा. वहीं, दूसरे सेक्टरों के लिए अधिकतम ब्याज दर 8.25% रखा गया है. इसके कवरेज में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा.

इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme-ECLGS)

  • ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे.
  • ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण
  • सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी.
  • अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
  • अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा.

क्रेडिट गारंटी स्कीम

  • छोटे कारोबारी-इंडिविजुअल एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे.
  • इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा.
  • इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी.
  • इसका मुख्य मकसद नए लोन को वितरण करना है.
  • 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के बॉरोअर इसके लिए योग्य होंगे.
  • इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा.
  • करीब 7500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा. 31 मार्च 2022 तक इसका लाभ मिलेगा.

पर्यटन सेक्टर
वित्‍त मंत्री ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र भारत में काफी महत्‍वपूर्ण है. ये रोजगार और स्‍वरोजगार पैदा करता है. वित्‍तीय सहायता टूरिस्‍ट गाइड्स और दूसरे स्‍टेक होल्‍डर्स के लिए की गई है. कार्यशील पूंजी मिलेगी. व्‍यक्तिगत कर्ज में भी लाभ मिलेगा. देनदारियों को चुकाने के लिए लाई गई है योजना. साथ ही नया कारोबार शुरू करने में भी ये योजना मदद करेगी. 100 फीसदी गारंटी सरकार की तरफ से दी जाएगी. 10 लाख रुपये प्रति एजेंसी तक दिया जाएगा. वहीं, लाइसेंस्‍ड टूरिस्‍ट गाइड को 1 लाख रुपये तक कर्ज दिए जाएंगे. इसमें कोई प्रॉसेसिंग चार्ज या क्‍लोजर चार्ज नहीं देना होगा. ये गारंटी मुक्‍त योजना है.

आत्मनिर्भर भारत रोजगार

  • अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है.
  • इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं.
  • इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है.
  • सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा.
  • सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% पीएफ का भुगतान करती है.

कृषि क्षेत्र
वित्‍त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रबी विपणन सीजन 2020-21 में 389.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. वहीं 2021-22 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा. इसके एवज में 85 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का रिकॉर्ड भुगतान किया गया. वहीं, डीएपी समेत सभी तरह के न्‍यूट्रिशन के लिए सब्सिडी में 14 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का इजाफा किया गया. इससे किसानों को सीधा फायदा मिला.

प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्‍न योजना
प्रधानमंत्री ग्रामीण अन्‍न योजना के तहत पिछले साल 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किग्रा चावल और गेहूं अनाज उपलब्‍ध कराया गया. इस बार भी मई से नवंबर तक देश के गरीबों के लिए ये योजना जारी रहेगी ताकि मुश्किल दौर में कोई भूखा ना रहे. इस बार इस योजना पर 93869 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस तरह पिछले साल और इस साल मिलाकर इस योजना पर कुल खर्च 2 लाख 27 हजार 840 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

23220 करोड़ रुपए पब्लिक हेल्थ के लिए
इमरजेंसी हेल्‍थ सर्विसेस के लिए इस साल 23,220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपये इमरजेंसी हेल्‍थ सर्विसेस को दिया गया था. इसे 9000 से ज्‍यादा कोविड हेल्‍थ केयर सेंटर बने. वहीं, ऑक्‍सीजन बेड्स में साढ़े सात गुना वृद्धि, आईसीयू बेड्स की संख्‍या में 42 गुना बढ़ोतरी हुई. इस समय बाल चिकित्‍सा को ध्‍यान में रखकर तैयारी की जा रही है. बच्‍चों के लिए आइसीयू बेड्स, स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण, दवाइयों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए ये प्रावधान किया गया है. वहीं, टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाने में भी इसका फायदा मिलेगा. ये रकम मार्च 2022 तक उपलब्‍ध होगी.

कुपोषण के खिलाफ लड़ाई
कुपोषण से लड़ाई के लिए पोषण अभियान पीएम नरेंद्र मोदी ने चलाया है. वहीं, किसानों की आय दोगुना करने के प्रयास भी जारी हैं. आईसीआर ने बायोफॉटिफाइड किस्‍में तैयार की हैं. इससे रोगों, कीटों, सूखा और बाढ़ से लड़ने में मदद मिलेगी. इसके अलावा अनाज की 21 किस्‍में देश को समपर्ति करने का फैसला किया गया है. इससे एक ओर किसानों की आय बढ़ने की उम्‍मीद बढ़ेगी. वहीं, दूसरी ओर देश के बच्‍चों को पोषक तत्‍व मिलेंगे और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा.

नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग कॉरपोरेशन
नॉर्थ ईस्ट के किसानों की मदद के लिए 1982 में इस संगठन का गठन किया गया था. 75 किसान संगठन इस संगठन से जुड़े हैं. यह संगठन किसानों को बिचौलियों-आढ़तियों के मुकाबले 10-15% ज्यादा कीमत उपलब्ध कराते हैं. इस संगठन के रिवाइवल के लिए 77.45 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाएगा.

निर्यात को बढ़ावा
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 33 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्‍ट लाया गया है. इसके तहत नेशनल एक्‍सपोर्ट इंश्‍योरेंस अकाउंट के जरिये निर्यात होगा. एनईआईए ट्रस्‍ट लंबी और मध्‍यम अवधि के निर्यात के प्रोजेक्‍ट्स को बढ़ावा देता है. इसमें जोखिम सुरक्षा का विस्‍तार हो सकेगा. इसका लाभ निर्यातकों को मिलेगा और निर्यात बढ़ सकेगा.

इसके जरिये उधार योग्‍य बार्स की परियोजना को बल मिलेगा. कुल मिलाकर देश के एनईआईए ट्रस्‍ट के जरिये 211 प्रोजेक्‍ट्स को 52860 करोड़ रुपये 52 देशों में निर्यात करने के लिए 63 इंडियन प्रोजेक्‍ट्स एक्‍सपोर्टर्स के जरिये 31 मार्च 2021 तक मिला है. अगले पांच साल तक अतिरिक्‍त कॉर्पस मिलेगा. इसके लिए 33 हजार करोड़ रुपये का प्रस्‍ताव रखा गया है.

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट बीमा सेवा ईसीजीसी के जरिये उपलब्‍ध होती है. लगभग भारत के 30 फीसदी मर्चेंडाइज्‍ड निर्यातकों के प्रोडक्‍ट्स को मदद भी करते हैं. कार्यशील पूंजी में 50 फीसदी बढ़ोतरी की गई है. ईसीजीसी अगले 5 साल के लिए 88,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
डिजिटल इंडिया
भारतनेट ब्रॉडबैंड स्कीम के तहत प्रत्येक गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए 19041 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस स्कीम का लक्ष्य देश के सभी गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है. 31 मई 2021 तक 2.50 लाख ग्राम पंचायतों में से 1,56,223 गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंच गया है. 61,109 करोड़ रुपए में से अब तक 42,068 करोड़ रुपए की घोषणा 2017 में की गई थी.

बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम
लार्ज स्‍केल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स मैन्‍युफैक्‍चरर्स के लिए पीएलआई स्‍कीम की अवधि को विस्‍तार दिया गया है. योजना के तहत 6 से 4 फीसदी तक वृद्धिशील बिक्री पर इंसेंटिव तय किए गए थे. इसमें पांच साल की अवधि तय की गई थी. इंसेंटिव 1 अगस्‍त 2020 से शुरू किए गए थे, जिसके लिए आधार वर्ष 2019-20 को माना गया था, लेकिन आपदा के कारण इसमें बाधा आई. इन परेशानियों के कारण हुई देरी को देखते हुए स्‍कीम की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाते हुए साल 2025-26 तक कर दिए गए हैं. इसमें पांच साल की अवधि मैन्‍युफैक्‍चरर्स तय करेंगे

बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए
बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई. इस पैसे से बिजली वितरण करने वाली कंपनियों, बिजली वितरण से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा. स्कीम के तहत 25 करोड़ स्मार्ट मीटर, 10 हजार फीडर और 4 लाख किलोमीटर एलटी ओवरहेड लाइन लगाई जाएगी. आईपीडीएस, डीडीयूजीजेवाई और सौभाग्य स्कीम का विलय किया जा रहा है. इस स्कीम में केंद्र की भागीदारी 97,631 करोड़ रुपए होगी. शेष राशि राज्यों की ओर से खर्च की जाएगी.