उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए गए हैं. नए बदलाव में अभ्यर्थियों की शैक्षिक उपलब्धियों को खास महत्व दिया गया है. साथ ही शैक्षिक उपलब्धियों का वेटेज पारदर्शी तरीके से निर्धारित करने की भी व्यवस्था की गई है.
वेटेज का निर्धारण
वेटेज का निर्धारण सही से न होने पर अभ्यर्थी आपत्ति दर्ज कर सकेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयन के चयन में अभ्यर्थी को यूजीसी या अन्य नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अनुसार, अर्जित एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडीकेटर स्कोर पर अभ्यर्थी को 30 अंक मिलेंगे.
इस तरह कुल 100 अंकों की मेरिट में सबसे अधिक 30 अंक एपीआई स्कोर पर आवंटित किए गए हैं. इसी तरह एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद के लिए एपीआई स्कोर पर 60 अंक होगा.
रिपोर्ट के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एपीआई स्कोर में पीएचडी, यूजीसी नेट रिसर्च पेपर का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन, पुस्तक प्रकाशन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में शोध पत्र की प्रस्तुति और अन्य विशिष्ट उपलब्धियों पर अंक शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेसिक एकेडमिक उपलब्धि पर 20 अंक मिलेंगे. बेसिक एकेडमिक उपलब्धि में ग्रेजुएशन, पीजी, एमफिल या समकक्ष डिग्री आती है. इसमें ग्रेजुएशन में 70 प्रतिशत से अधिक अंक होने पर सात अंक, पीजी में 90% से अधिक होने पर 10 अंक और एमफिल की उपाधि होने पर तीन अंक दिए जाएंगे.
गठित होगी स्क्रूटनी कमेटी
रिपोर्ट के अनुसार, नई भर्ती प्रक्रिया में आवेदन पत्रों की जांच के लिए एक विश्वविद्यालय स्क्रूटनी कमेटी गठित होगी. कमेटी बेसिक एकेडमिक स्कोर और एपीआई स्कोर की गणना करेगी. गणना करके तुरंत प्रकाशित किया जाएगा और इसके संबंध में आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी. इसके लिए सात दिन का समय दिया जाएगा. अभ्यर्थियों को अपनी आपत्तियां ईमेल के जरिए भेजनी होंगी. इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया में 20 अंकों की लिखित परीक्षा ऑब्जेक्टिव टाइप होगी.