चुनाव आयोग ने विवादास्पद बयानों के लिए बीजेपी नेता सायंतन बसु और तृणमूल कांग्रेस नेता सुजाता मंडल के प्रचार करने पर रविवार को 24 घंटे की रोक लगा दी. दोनों नेता 18 अप्रैल को शाम 7 बजे से 19 अप्रैल शाम 7 बजे तक चुनाव प्रचार में भाग नहीं ले सकेंगे.
चुनाव आयोग ने एक आदेश में कहा कि उसने अपने नोटिस पर मंडल के जवाब को ध्यान से देखा है, जिसमें ‘पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति समुदाय के लिए उनके अपमानजनक बयान’ वाले हिस्से पर कोई उचित जवाब नहीं है.
आदेश के अनुसार, ‘‘इसलिए अब आयोग सुजाता मंडल को कड़ी चेतावनी देता है और उन्हें सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभाव में होने के दौरान सार्वजनिक भाषणों में इस तरह के बयान देने से बचें.’’
बसु को उनके इस बयान के लिए नोटिस थमाया गया था कि ‘‘अगर तुम एक मारोगे तो हम तुम्हारे चार मारेंगे.’’ बसु के संबंध में आदेश में कहा गया है कि आयोग सायंतन बसु को कड़ी चेतावनी देते हुए निंदा करता है और उन्हें सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता के प्रभाव में होने के दौरान सार्वजनिक भाषणों में इस तरह के बयान देने से बचें.
आयोग ने दोनों नेताओं को इस तरह के बयान देने के लिए चेतावनी देने के साथ ही उनके प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक भी लगाई.
सीएम ममता बनर्जी और दिलीप घोष पर लग चुका है बैन
आपको बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटों की रोक लगाई थी. हालांकि उन्होंने आयोग के इस फैसला का कड़ा विरोध किया था और कोलकाता में कई घंटों तक धरने पर बैठ गई थीं.
इसके बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के चुनाव प्रचार करने पर भी चुनाव आयोग ने 24 घंटे के लिए बैन लगा दिया था. बयान में घोष ने कथित रूप से कहा था कि ‘‘सीतलकूची जैसी घटना की पुनरावृत्ति अनेक स्थानों पर होगी.’’