छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने राज्य को एक सप्ताह की जरूरत के टीके पहले से ही उपलब्ध कराने तथा कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाइयों एवं उपकरणों पर जीएसटी (GST) की दर कम करने की मांग की है. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए आज आयोजित ऑनलाइन बैठक में केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ राज्य की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए राज्य को एक सप्ताह की जरूरत के टीके एडवांस में उपलब्ध कराने का आग्रह किया.
बघेल ने कहा कि इससे दूरस्थ क्षेत्रों के जिलों में टीकाकरण में आसानी होगी. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाईयों और उपकरणों पर जीएसटी की दर कम करने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि इससे इलाज के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर कम आर्थिक भार पड़ेगा. अधिकारियों ने बताया कि बघेल ने केन्द्र सरकार से राज्य की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए रेमडेसिवीर टीके और ऑक्सीजन सिलेंडर की सतत आपूर्ति करने, राज्य में चार वायरोलॉजी प्रयोगशालाएं और एक बीएसएल-4 लैब की स्थापना तथा एक हजार बिस्तरों के आईसीयू के बुनियादी ढांचे के लिए सहायता उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया.
जांच की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल अपने रायपुर स्थित निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 87 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के 84 प्रतिशत कर्मियों और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 43 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 जांच की क्षमता बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं.