हिमाचल प्रदेश में चार नगर निगमों के चुनाव (Dharamashala MC Elections) के लिए सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है. धर्मशाला नगर निगम के चुनाव के लिए कांग्रेस के कई नेता वहां पहुंचने लगे हैं. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं धर्मशाला नगर निगम प्रभारी सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है. तमाम व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सभी 17 वार्डों में समन्वयक तैनात कर दिए हैं और उनकी रिपोर्ट के बाद ही उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा.
प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. नगर निगम चुनावों में विनेबिलिटी ही टिकट वितरण का मुख्य आधार होगा. उन्होंने इस बात पर भी सवाल खड़े किए कि सरकार एक तरफ पार्टी चिन्ह पर चुनाव कराने की बात करके ओबीसी को आरक्षण देने का दावा कर रही है, लेकिन विधानसभा में अभी तक इस व्यवस्था को लेकर कोई कानून नहीं बनाया गया है. ऐसे में सरकार की घोषणाएं और दावे सवालों के घेरे में हैं.
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल भाजपा ने हिमाचल की दूसरी राजधानी धर्मशाला की हमेशा उपेक्षा ही की है. सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं है कि वह धर्मशाला के लिए कुछ करे.उन्होंने माना कि पिछली बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस धर्मशाला में कमजोर रही थी. लेकिन पंचायती राज चुनावों में कांग्रेस ने बेहतर परफॉर्मेंस की है. पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गिले-शिकवे भी दूर किए जा रहे हैं और उन्हें एकजुटता का पाठ पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों के दौरान अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्पॉट पर ही फ़ौरन एक्शन लिया जाएगा
क्या दावा किया
सुक्खू ने कहा कि नगर निगम चुनाव अगले विधानसभा चुनाव का आधार बनेंगे, ऐसे में इन चुनावों को प्रमुखता के आधार पर लड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा की हालत यह है कि कोरोना काल में भी भाजपा को भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को हटाना पड़ा. उन्होंने यह भी दावा किया कि हिमाचल में करीब 3400 पंचायत प्रधानों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें 1900 से अधिक कांग्रेस पार्टी के प्रधान जीत कर आए हैं, जबकि 300 के करीब वामदलों के प्रधान जीत कर आए हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा की हालत क्या है?