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खम्हारडीह में पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे बहू-पोती के कातिलों ने जूते कवर किए, ग्लव्स पहने इसलिए नहीं मिले निशान, फोन भी छोड़ भागे…

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खम्हारडीह में पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे की बहू नेहा और पोती अनन्या की हत्या के पहले मास्टर माइंड अजय राय ने तगड़ी प्लानिंग की थी। वह अपना मोबाइल घर पर छोड़कर आया था ताकि घटना के समय उसका लोकेशन घर पर मिले। अजय और उसके भाई डा. आनंद व तीसरे साथी ने हत्या के पहले हाथों में गल्ब्स पहने। जूते में भी प्लास्टिक पहना ताकि फुट प्रिंट भी पुलिस को न मिले। उसके बाद जूते की लेस से नेहा और उसकी बच्ची का गला घोंटा। इसी वजह से फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर कहीं भी फिंगर प्रिंट या फुट प्रिंट नहीं मिला है।

अजय अब तक पुलिस की गिरफ्तर से फरार है। उसके भाई डा. आनंद और तीसरे आरोपी से पूछताछ के बाद लगातार छापेमारी के बावजूद उसका सुराग नहीं मिल रहा है। पुलिस की जांच में पता चला है कि अजय बेहद शातिर है। उसे अंदेशा था कि हत्याकांड के बाद उसे भागना पड़ सकता है। इसलिए उसने मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया। उसे मालूम था कि फोन से उसका लोकेशन ट्रेस हो जाएगा। उसने अब तक अपने किसी भी रिश्तेदार यहां तक कि पत्नी से भी संपर्क नहीं किया है।

अफसरों काे अनुमान है कि उसने वारदात के पहले ही छिपने की जगह तय कर ली थी। इस वजह से अब तक उसका सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने शहर से बाहर निकलने वाले सभी चौक और टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे की जांच कर ली है। अजय की कार किसी भी नाके या टोल से नहीं गुजरी। पुलिस को शक है कि अजय शहर के आसपास ही कहीं छिपा हो सकता है। आउटर के फार्म हाउस की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने अजय का फोन जब्त कर लिया है। उसके फोन नंबर के आधार पर दोस्तों से संपर्क किया जा रहा है। अजय अपने साथ एटीएम भी नहीं ले गया है।

उसके पास ज्यादा कैश भी नहीं है। ये भी माना जा रहा है कि उसके फरार होने में कोई न कोई उसकी मदद कर रहा है। उसे पैसे भी दे रहा है। पुलिस के अनुसार अजय राय आपराधिक प्रवृत्ति का है। पंडरी में हत्या की कोशिश के केस में वह जेल जा चुका है। खमतराई में हत्या के एक मामले में भी उसका नाम आया था। वह चारसौबीसी के मामले में भी जेल में बंद हो चुका है। इस दौरान उसकी जेल में कई बदमाशों से दोस्ती हो गई थी। वह जेल से छूटने के बाद ज्यादातर हिस्ट्रीशीटरों के साथ ही घूमता था।

25 लाख नहीं तो 25 हजार ही दे दे
अजय जब नेहा से मिलने मकान में पहुंचा तो उसने पहले 25 लाख मांगा। नेहा ने इतनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया। कई बार प्रयास करने के बाद भी जब नेहा ने इतनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया तो अजय ने कहा कि उसे 25 लाख नहीं तो 25 हजार ही दे दे। उसे पैसों की बहुत जरूरत है। फिर डॉ. आनंद ने भी नेहा से कहा कि अजय को पैसा निकालकर दे। नेहा ने इतने पैसे भी नहीं दिए। पुलिस अफसरों के अनुसार उनका मकसद नेहा से तिजोरी खुलवाना था।

नेहा का सिम मिला आनंद के पास
नेहा और अनन्या की हत्या के बाद अजय घर से बाहर निकला। उसके 20-25 मिनट बाद नेहा का भाई आकाश पहुंच गया। बाहर ताला देखकर उसने नेहा के मोबाइल पर कई बार लगातार फोन किया। नेहा के फोन पर रिंग भी गई। उसके थोड़ी देर बाद नेहा की बहन मेघा ने भी फोन लगाया। उस समय भी मोबाइल की रिंग बजी। फोन डिस्कनेक्ट होने के बाद अजय के भाई और हत्या में शामिल डॉ. आनंद ने नेहा के फोन से सिम निकालकर अपने पास रख लिया। डॉ. आनंद और दीपक सायतोड़े भी हत्या की पूरी तैयारी के साथ गए थे।