मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने आज सवेरे प्रदेशव्यापी विकास यात्रा के दौरे पर रवाना होने के पहले बचेली में दंतेवाड़ा जिले के सफल युवाओं से मुलाकात की। डॉ. सिंह ने युवाओं के साथ चाय पर चर्चा करते हुए कहा कि इन युवाओं ने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए सफलता के परचम फहराए है। इनकी ये सफलताएं दिखने में छोटी जरूर है, लेकिन जिन हालातों में इन्होंने सफलता अर्जित की, वह दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। मुझे भी ऐसे युवाओं से मिलकर ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यही विकास है। युवाओं के प्रयासों से दंतेवाड़ा और बस्तर में क्रांतिकारी बदलाव दिख रहा है। इन युवाओं में बस्तर की परिस्थिति में बदलाव की ताकत है।
चाय पर चर्चा के दौरान श्रीमती सविता साहू ने ई-रिक्शा के माध्यम से परिवार का भरण पोषण, श्री कार्तिक केजी और श्री मिथलेश कर्मा ने बेरोजगारी से रोजगार तक का सफर एवं श्री लूदरु नाग और श्री कमल नाग ने कृषि विभाग के सहयोग से खेती से आर्थिक समृद्धि के संदर्भ में मुख्यमंत्री से जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज बस्तर विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ते हुए नये सपने बुन रहा है। सरकार की जनहितैषी योजनाओं का उद्देश्य अंत्योदय है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने बीते 15 वर्षों में युवा, किसान और महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई हैं, इन योजनाओं से आज इनके जैसे हजारों लोगों के जीवन में आया परिवर्तन उसका फल है। यहां आने पर हर बार मैं होनहार युवाओं से मिलता हूँ और उनसे प्रेरणा लेता हूँ। जवांगा बीपीओ में कार्यरत श्री इल्मीडी, बीजापुर निवासी श्री कार्तिक केजी के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था, लाल आतंक के डर से घर वालों ने कार्तिक को बिलासपुर भेज दिया। बिलासपुर में पढ़ाई के दौरान उन्हें जवांगा बीपीओ में जॉब ओपिंग की जानकारी मिली। परिवार की आर्थिक मदद करने वे दंतेवाड़ा आ गए। आज कार्तिक प्रति माह 8000 रूपए वेतन प्राप्त कर स्वयं के साथ परिवार को आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। कार्तिक की तरह ही फरसपाल, दंतेवाड़ा निवासी श्री मिथलेश एनएमडीसी मेंटनेस एग्जाम में प्रथम आये। दो भाई, दो बहन में सबसे बड़े मिथलेश के पिता किसान हैं। मिथलेश ने वर्ष 2013 में शासकीय आईटीआई गीदम से वेल्डर ट्रेड में पढ़ाई कर तकनीकी शिक्षा प्राप्त की। वे अब आगे चलकर पिता के साथ परिवार का आर्थिक सहयोग करते हुए अपने भाई बहन को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। जिले के हीरानार निवासी श्री लूदरु राम नाग और मैलावाड़ा निवासी श्री कमल सिंह आज अपने खुशहाल जीवन के लिए कृषि विभाग और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हैं। दोनों किसानों ने कृषि विभाग की मदद से हैदराबाद स्थित वनस्पति अनुसंधान केंद्र से ट्रेनिंग लेकर उन्नत कृषि करना प्रारंभ किया और आज एक समृद्ध किसान हैं। क्षेत्र के अन्य किसान इनसे प्रेरणा लेकर खेती के माध्यम से आर्थिक उन्नति की राह चुन रहे हैं। श्री लूदरुराम नाग और श्री कमल सिंह जैविक खेती कर अपनी आमदनी कई गुना बढ़ा चुके हैं। श्री लूदरुराम ने यह महसूस किया कि रासायनिक खेती से जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है। जैविक खेती से हम इसे बचा सकते हैं। उन्होंने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे अपनी आने वाली पीढ़ी के लिये उर्वरा भूमि छोड़ कर जाना चाहते हैं, तो जैविक खेती को अपनाएं।
चितालंका निवासी श्रीमती सविता साहू महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। बिहान स्वसहायता समूह की मदद से उन्हें ई-रिक्शा मिला है। आज वे दंतेवाड़ा शहर में दस हजार रूपए प्रति माह कमाकर स्वयं और घर का भरण पोषण कर रही हैं। उनकी इच्छा बेटी को उच्च शिक्षा देने की है। पति द्वारा उसे घर से निकाल देने के बाद अलग रह रही सविता के लिए ई-रिक्शा परिवार के भरण पोषण का सहारा है।