हेल्थ विभाग ने नकली वैक्सीन को रोकने के लिए भी कई तरह की तैयारी शुरू कर दी है। पूरे प्रदेश में ड्रग विभाग को इस मामले में अलर्ट मोड पर किया गया है। कुछ सवाल-जवाब…
सवाल – वैक्सीन असली होगा या नकली, ये कैसे पता चलेगा? – शुरुआत में टीका सरकारी केंद्रों में ही उपलब्ध होगा। बाजार में यह नहीं रहेगा, इसलिए जल्दबाजी के बजाय सरकारी सेंटर पर लगवाने से नकली की कोई आशंका नहीं रहेगी। सवाल – वैक्सीन आई तो असली-नकली कैसे पहचानेंगे? – ओपन मार्केट में फिलहाल वैक्सीन आने की संभावनाएं न के बराबर ही है। लेकिन अगर ये आती है तो अधिकृत दुकानों के जरिए ही इसकी बिक्री होगी। सवाल – नकली वैक्सीन से लोगों को कैसे बचाएंगे? – कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों में नकली वैक्सीन के रैकेट की धरपकड़ और भ्रामक जानकारी फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों पर लगाम लगाने की पुख्ता तैयारियां की गई है। जिसके तहत ड्रग विभाग की टीमें अभी से अलर्ट मोड पर हैं। सवाल – वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है या ऐच्छिक? – वैक्सीन को लेकर कोई अनिवार्यता नहीं रखी गई है। ये पूरी तरह ऐच्छिक है, अर्थात अगर कोई व्यक्ति टीका लगाना चाहेगा, तो वही संबंधित केंद्र में संपर्क करेगा और उसे वैक्सीन लगेगी। सवाल – क्या एक बार टीका लगाना पर्याप्त है? – टीके की पर्याप्त खुराक लेने के बाद ही सुरक्षित होने की गारंटी है। इसलिए निर्धारित डोज चाहे दो हों या तीन, उसे बताए गए अंतराल पर लगवाना जरूरी होगा। फिर भी, कुछ माह तक बचाव के लिए मास्क पहनना जरूरी ही होगा। सवाल – मैं संक्रमित हूं तो क्या मैं टीका लगवा सकता हूं? – संक्रमण के दौरान टीका नहीं लगवाने की सलाह और हिदायत दी जा रही है। यानी ठीक होने के 14 दिन बाद टीका लगवाना होगा। क्योंकि पाॅजिटिव व्यक्ति यदि टीकाकरण केंद्र तक गया तो संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा।