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मरवाही : जोगी परिवार के गढ़ में कांग्रेस की सेंध; केके ध्रुव ने भाजपा के गंभीर सिंह को 38,197 वोटों से हराया…

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मरवाही में हुए प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ. केके ध्रुव 38132 वोटों से जीत गए। पहले राउंड से ही डॉ. ध्रुव आगे थे। सातवें राउंड में उन्होंने 17390 वोटाें की निर्णायक बढ़त ली। इसके बाद भाजपा से जीत दूर होती चली गई। डॉ. ध्रुव को 83372 वोट मिले, जबकि भाजपा के डॉ. गंभीर सिंह को 45240 वोट मिले। इसके साथ ही कांग्रेस का मिशन-70 पूरा हो गया।

... और मिल गया जीत का सर्टीफिकेट। कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव की जीत के बाद कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा।

… और मिल गया जीत का सर्टीफिकेट। कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव की जीत के बाद कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा।

जोगी परिवार के सहयोग के बावजूद भाजपा फिर नंबर दो की पोजिशन पर रही। तमाम कोशिशों के बावजूद छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (JCCJ) अध्यक्ष अमित जोगी पिता की विरासत को बचा नहीं सके। चुनाव से पहले ही बाहर हो जाने के बाद भाजपा को समर्थन देना भी काम नहीं आया। पहले चरण से मिली कांग्रेस की बढ़त, अंतिम राउंड तक जारी रही।

डाक मतपत्रों की गिनती के दौरान ही बना ली थी कांग्रेस ने बढ़त

सुबह करीब 15 मिनट की देरी से डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हुई। इसके साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव ने बढ़त बना ली थी। इसके नतीजों में देरी हो रही थी, इसके चलते EVM के भी मतों की गिनती शुरू कर दी गई। अंतिम परिणाम सामने आए तो पोस्टल बैलेट से कांग्रेस को 478 और भाजपा उम्मीदवार डॉ. गंभीर सिंह को 171 वोट मिले थे।

मरवाही उपचुनाव को लेकर हो रही मतगणना के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और कांग्रेस चुनाव प्रभारी जयसिंह अग्रवाल अमरकंटक में मां नर्मदा के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचे।

मरवाही उपचुनाव को लेकर हो रही मतगणना के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और कांग्रेस चुनाव प्रभारी जयसिंह अग्रवाल अमरकंटक में मां नर्मदा के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचे।

इस तरह हर राउंड में बढ़ता गया जीत का आंकड़ा

मतगणना चक्रडॉ. केके ध्रुव (कांग्रेस)डॉ. गंभीर सिंह (भाजपा)वोटों का अंतर
पहला413523751760
दूसरा852048563664
तीसरा1297165346500
चौथा1796182159746
5वां22151952912622
6वां261831150714676
7वां300641267417390
8वां347711501219759
9वां371061711919987
10वां402182034219876
11वां433562381719539
12वां472212691020311
13वां513362848522851
14वां558793014025739
15वां593763229727079
16वां628603525427606
17वां670333791229121
18वां718563968132175
19वां762094183234377
20वां810284444036588
21वां828944506937825
22वां830834519337890

जोगी के पैतृक बंगले के सामने ही कांग्रेस का जश्न

मतगणना के जैसे ही 21 में से 9 राउंड पूरे हुए थे, कांग्रेस की ओर से जीत का जश्न शुरू हो गया था। हालांकि जीत के प्रति आश्वस्त होने के बावजूद डॉ. केके ध्रुव शांत थे। वहीं समर्थक और कार्यकर्ता रैली निकालकर जोगी के पैतृक बंगले तक पहुंचे और आतिशबाजी शुरू कर दी। इसके बाद डीजे की धुन पर डांस शुरू हुआ तो कांग्रेस चुनाव प्रभारी और कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी झूमने लगे।

कांग्रेस प्रत्याशी को जीत के लिए मिल रही निर्णायक बढ़त के चलते मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी खुद को रोक नहीं सके और जोगी बंगले के सामने लगे डीजे की धुन पर झूमने लगे।

कांग्रेस प्रत्याशी को जीत के लिए मिल रही निर्णायक बढ़त के चलते मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी खुद को रोक नहीं सके और जोगी बंगले के सामने लगे डीजे की धुन पर झूमने लगे।

दो साल बाद फिर कांग्रेस का कब्जा, पर अब जोगी परिवार नहीं

कांग्रेस ने मरवाही उपचुनाव जीतकर दो साल बाद फिर इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही यह सीट कांग्रेस के साथ ही जोगी परिवार का भी गढ़ रही है। हालांकि साल 2018 में अजित जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा और जीता भी। अब एक बार फिर कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार किया है, लेकिन अब जोगी परिवार इसमें शामिल नहीं है।

पांच प्रत्याशियों से ज्यादा वोट नोटा को मिले

प्रत्याशीपार्टीकुल वोट मिलेवोट प्रतिशत %
डॉ. गंभीर सिंहभाजपा4536430.45
डॉ. केके ध्रुव (जीते)कांग्रेस8356156.09
डॉ. उर्मिला सिंह मार्कोराष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी24201.62
पुष्पा खेलन कोर्चेअंबेडकराइट पार्टी8450.57
बिर सिंह नागेशभारतीय ट्राइबल पार्टी21531.45
रितु पेंड्रामगोंडवाना गणतंत्र पार्टी78645.28
लक्ष्मण पोर्तेभारतीय सर्वजन हिताय पार्टी8580.58
सोनमति सलामनिर्दलीय21141.42
नोटा37872.54

पहली बार जोगी परिवार से कोई चुनाव मैदान में नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था। पहली बार ऐसा हुआ है, जब जोगी परिवार से कोई चुनावी मैदान में नहीं था। इसके बावजूद मामला त्रिकोणीय था। अमित जोगी हर हाल में कांग्रेस को रोकना चाहते थे। भाजपा नंबर दो से एक पर आने की कोशिश में थी। इन सबके बीच कांग्रेस ने जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 70 सीटों का टारगेट पूरा किया।

कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव के वोटों की बढ़त के साथ ही कार्यकर्ताओं में उत्साह भी बढ़ रहा था। ऐसे में कांग्रेसियों ने अमित जोगी (जोगी आवास) तक रैली निकाली और पटाखे फोड़े।

कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव के वोटों की बढ़त के साथ ही कार्यकर्ताओं में उत्साह भी बढ़ रहा था। ऐसे में कांग्रेसियों ने अमित जोगी (जोगी आवास) तक रैली निकाली और पटाखे फोड़े।

नेताओं के अपने-अपने बोल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल : मरवाही का उपचुनाव महज विधायक चुनने का चुनाव नहीं था बल्कि यह मरवाही के साथ बीते 18 सालों तक हुए छल को जनता द्वारा लोकतांत्रिक जवाब देने की परीक्षा थी। मुझे खुशी है कि मरवाही की जनता ने इस परीक्षा को प्रचंड बहुमत से उत्तीर्ण किया है। डॉ के. के ध्रुव जी को बधाई एवं शुभकामनाएं। मुझे हर्ष और गर्व हो रहा है, साथ में मैं भावुक भी हूं।​​

मरवाही का उपचुनाव महज विधायक चुनने का चुनाव नहीं था बल्कि यह मरवाही के साथ बीते 18 सालों तक हुए छल को जनता द्वारा लोकतांत्रिक जवाब देने की परीक्षा थी।मुझे खुशी है कि मरवाही की जनता ने इस परीक्षा को प्रचंड बहुमत से उत्तीर्ण किया है।डॉ के. के ध्रुव जी को बधाई एवं शुभकामनाएं। 

कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल : मरवाही विधानसभा उपचुनाव में प्रचंड विजय पर डॉ. केके ध्रुव हार्दिक बधाई। इस जीत मैं क्षेत्र की जनता व कांग्रेस के समर्पित व मेहनती कार्यकर्ता को भी बधाई देता हूं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रेरक नेतृत्व में कांग्रेस का विजयरथ पूरी रफ्तार से दौड़ रहा है।

अमित जोगी : सबने देखा है कि छल किसने किसके साथ किया है। मेरे परिवार और पार्टी को छल से चुनाव से बाहर कर, मेरी मां डॉक्टर रेनु जोगी जी और मुझे प्रचार के दौरान नज़रबंद करके खुद से अकेले कुश्ती लड़के जीतने की छत्तीसगढ़ कांग्रेस, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को हार्दिक बधाई!

सबने देखा है कि छल किसने किसके साथ किया है।मेरे परिवार और पार्टी को छल से चुनाव से बाहर कर,मेरी माँ डॉक्टर रेनु जोगी जी और मुझे प्रचार के दौरान नज़रबंद करके खुद से अकेले कुश्ती लड़के जीतने की 

भास्कर विश्लेषण – एक नहीं, कई फैक्टर हैं इस बड़ी जीत के
ना कांटे की टक्कर रही। न कोई गढ़ जैसी बात प्रमाणित हो पाई। ये तो एकतरफा मुकाबला हो गया। ना मुद्दे काम आए, न राजनीतिक तीर निशाने पर लगे। मरवाही विधानसभा का चुनाव परिणाम जानकर तो यही बात समझ में आ रही है। कांग्रेस की बड़ी जीत ने सारे कयासों को खारिज कर दिया। पर यह अनायास भी नहीं मिली है। इसको भूपेश बघेल की रणनीतिक जीत भी कही जा सकती है। मरवाही को जोगी की छाया से बाहर निकालने की शुरुआत सरकार ने उस समय ही कर दी थी जब पेंड्रा गौरेला मरवाही को नया जिला बनाया गया। उसके बाद वहां प्रशासनिक अमले की तैनाती हुई। उपचुनाव की घोषणा के पहले ही राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को प्रभारी बनाकर भेजा जाना और वहां सुनियोजित तरीके आम लोगों की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रयास करना सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच के अंतर को बढ़ाता चला गया। राशन कार्ड का मामला हो या फिर दूसरी ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं की बात। सरकार ने गांव-गांव पर फोकस करते हुए मंत्री के साथ विधायकों को झोंक दिया। फिर जोगी परिवार का जाति विवाद के चलते पूरे चुनावी परिदृश्य से अलग होना या करना बड़ा मोड़ साबित हुआ।

कुल मिलाकर मरवाही में कांग्रेस के आक्रामक अभियान ने इस बड़ी जीत की नींव रखी। दूसरी ओर भाजपा का बिखराव वहां बड़ी लड़ाई खड़ी नहीं कर पाया। यहां तक कि जोगी कांग्रेस के समर्थन के बाद भी भाजपा को 38 हजार की हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के समर्थन में जोगी कांग्रेस का दो फाड़ हो जाना भी, एक बड़ी वजह है आज के चुनाव परिणाम को समझने के लिए। इस परिणाम का सीधा अर्थ है-भाजपा के लिए मददगार नहीं रहा जाेगी फैक्टर।