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छत्तीसगढ़ में स्कूल खोलने पर होगा फैसला, अफसरों के साथ बैठक जल्द

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी स्कूल खुल सकते हैं। राज्य सरकार ने इस बाबत विचार करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार से मिली हरी झंडी के बाद अब राज्य सरकार इस मामले में आला अधिकारियों के साथ जल्द बैठक करेगी, जिसमें इस बात का निर्णय लिया जायेगा कि क्या 21 सितंबर से प्रदेश में भी स्कूलों को खोल दिया जाये? या फिर उसे 30 सितंबर तक के लिए बंद ही रखा जाये। दरअसल अनलॉक-4 के गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार ने प्रदेश में भी 30 सितंबर तक स्कूल-कालेजों को बंद रखने का निर्देश दिया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी SOP के बाद अब स्कूल खोलने को लेकर नया समीकरण बन गया है। राज्य सरकार ने इस बाबत बताया है कि “केंद्र सरकर ने 30 सितंबर तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है, परंतु 21 सितंबर से 50 प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल बुलाने के अनुमति दी है और कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की लिखित सहमति प्राप्त होने पर स्वेच्छा से स्कूल आकर शिक्षको से शंका समाधान कराने की अनुमति देने का अधिकार राज्यों को दिया है। छत्तीसगढ़ में अभी इस संबंध में विचार चल रहा है। उच्च स्तर पर योग्य निर्णय लिया जाएगा।” आपको बता दें कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी की गई हैं। नए एसओपी के अनुसार, स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकते हैं. लेकिन ये उनकी स्वेच्छा पर है यानी अगर वे जाना चाहते हैं, तभी जाएं, उनपर स्कूल जाने का कोई दबाव नहीं है. इसके लिए पेरेंट्स की लिखित अनुमति जरूरी होगी। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus in India) की वजह से बंद हुए स्कूलों को आंशिक तौर पर खोले जाने (SOP for partial reopening of schools) को लेकर केंद्र सरकार ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेजर (SOP) जारी कर दिया है। 21 सितंबर से कक्षा नौवीं से 12वीं तक के छात्रों (schools reopening for 9th to 12th schools) के लिए शर्तों के साथ स्कूलों को खोले जाने की इजाजत दी जा चुकी है। हालांकि, यह स्वैच्छिक होगा यानी छात्रों के ऊपर होगा कि वह स्कूल जाना चाहते हैं या नहीं। इस दौरान छात्रों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी रखनी होगी। फेस कवर/मास्क भी जरूरी होंगे। कंटेनमेंट जोन में स्थित स्कूलों को खोलने की इजाजत नहीं होगी। Also Read – कोरबा : बेलगाम अवैध उत्खनन, रातभर रेत परिवहन करके शहर में जगह-जगह भंडारण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से नौवीं से 12वीं के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए जारी SOP में कहा गया है कि ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग की अनुमति जारी रहेगी। स्कूल अधिकतम अपने 50 प्रतिशत टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग/टेलि-काउंसलिंग और इससे जुड़े दूसरे कामों के लिए बुला सकते हैं। नौवीं से 12वीं तक के छात्र अगर अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्कूल जाना चाहेंगे तो उन्हें इसकी इजाजत होगी। हालांकि इसके लिए उन्हें अपने माता-पिता या अभिभावकों से लिखित सहमति लेनी होगी। छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी मौजूद रहेगा। लैब से लेकर क्लासेज तक के छात्रों के बैठने की ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि उनके बीच कम से कम 6 फीट की दूरी को बरकरार रखा जाए। छात्रों के इकट्ठा होने यानी असेंबली और खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों की मनाही होगी क्योंकि इससे संक्रमण के फैलने का जोखिम होगा। स्कूलों में स्टेट हेल्पलाइन नंबरों के अलावा स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर भी डिस्प्ले होंगे ताकि किसी इमर्जेंसी की स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सके। कंटेनमेंट जोन्स में रहने वाले टीचर या कर्मचारियों को स्कूल जाने की इजाजत नहीं है। वैसे स्कूल जिनका इस्तेमाल क्वारंटीन सेंटर के रूप में हुआ था, उन्हें आंशिक तौर पर खोले जाने से पहले अच्छी तरह से सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सभी स्कूलों को हाइपोक्लोराइट सोलूशन से सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं।