जिले में भारी बारिश का असर अब आम आदमी के लिए मौत की मुसीबत बनकर दिखाई दे रहा है। शनिवार को एक युवक की जान चली गई। युवक की मौत इस वजह से हो गई, क्योंकि समय पर उसे एंबुलेंस नहीं मिल पाई। रास्तों में पानी भरा होने की वजह से युवक तक मदद नहीं पहुंची और उसकी जान चली गई। परिजनों की मानें तो जब युवक की तबीयत बिगड़ी तो उसे एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए खाट पर लादकर 2 किमी चलना पड़ा, तब तक देर हो गई थी।
जिस युवक की जान गई, वो बैगा आदिवासी समुदाय से है। इस समुदाय को विलुप्त होने से बचाने के लिए सरकार विशेष संरक्षण देने के दावे करती है। ऐसे ही हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले से ही तैयारियां कर रखी थीं, मगर इस युवक को कोई सुविधा नसीब नहीं हो सकी।
कंधों पर लादकर लाए
युवक को सड़क के ऊपरी हिस्से में लाने के बाद लोग एंबुलेंस का इंतजार करते रहे।
घटना केशदाझंडी गांव की है। यहां एक 18 साल के युवक तुकाराम बैगा के सिर में शनिवार की सुबह तेज दर्द हुआ। स्वास्थ्य अमले को इसकी सूचना दी गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने साफ कह दिया कि गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती। ऐसे में बैगा समाज के जिलाध्यक्ष कामू बैगा ने युवक को खाट पर लेटाकर गांव से 2 किमी दूर मुख्य सड़क तक लाने का फैसला किया। सरोधा बांध का पानी सड़क को डुबा चुका है।
खाट पर युवक को लेकर लोगों ने पानी से भरी सड़क को पार किया। एंबुलेंस भी देर से आई, जब युवक को अस्पताल लेकर गए तब डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब युवक की कोरोना जांच और पोस्टमार्टम की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुटा हुआ है ताकि मौत के कारणों का पता चल सके।