कांकेर. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के अर्बन नेटवर्क मामले में फरार चल रहे गुड़गांव के कारोबारी वरूण जैन को राजनांदगांव पुलिस ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया है। उसे कांकेर पुलिस को सौंप दिया गया है। वरूण जैन पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इस मामले में कांकेर पुलिस 13 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें वरूण का भाई निशांत जैन भी शामिल है। दोनों भाई दो साल से नक्सलियों को सामान सप्लाई कर रहे थे।
वरूण जैन 12 साल पहले अाया था राजनांदगांव
जानकारी के मुताबिक, वरुण जैन 2002 में गुड़गांव से तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिले सड़क निर्माण कार्य को करने राजनांदगांव आया था। यहां रहते हुए उसने अपने बड़े भाई निशांत जैन के साथ 2006 मे लैंडमार्क नाम से कंपनी बनाई। इसके बाद साल 2013-14 में इसका नाम लैंडमार्क रायल इंजिनयरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड किया गया। वर्तमान में डायरेक्टर वरूण एवं रिचा जैन हैं। दोनों भाइयों ने 18 साल में 600 करोड़ रुपए की संपत्ति खड़ी कर दी।
3 साल में नक्सल प्रभावित इलाकों में 25 ठेके मिले
कांकेर के अंदरूनी और नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा, सिकसोड, रावघाट, टाडोकी में पीएमजेएसवाई के तहत सड़क निर्माण के 25 ठेके मिले। इन ठेकों को वरूण जैन ने महज 2-3 साल मे हासिल किया। इन सड़कों के निर्माण के दौरान वह नक्सलियों के संपर्क में आ गया। यहीं से सड़क िनर्माण के साथ ही नक्सलियों को जूता, वर्दी कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, सहित अन्य सामान राजनांदगांव, कांकेर और अन्य जगहों पर पहुंचाया जाने लगा।