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कांकेर – एक ही दिन में 15 बीएसएफ जवान संक्रमित मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है, सब्जी भी धोकर कैंप में ले जाते हैं जवानफिर भी भीतर तक पहुंच गया कोरोना…

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कांकेर. एक ही दिन में 15 बीएसएफ जवान संक्रमित मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। सुरक्षा बल के जिम्मेदार अलर्ट हो गए हैं। नक्सल मोर्चे पर लड़ रहे जवानों को नक्सलियों के अलावा मलेरिया से जूझना पड़ता था। अब इसमें कोरोना के रूप में नई चुनौती शामिल हो गई है। हालांकि संक्रमण से बचने के लिए जवान पूरी सावधानी बरत रहे हैं जैसे वे नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में बरतते हैं।  उन्हें बाजार से लाई सब्जियां कैंप से बाहर धोते हुए देखा जाता है। ऐसा वे संक्रमण को कैंप में जाने से रोकने के लिए करते हैं। लेकिन बाहर से आए जवानों के जरिए कोरोना कैंप में पहुंच ही गया।
मंगलवार देर रात जिले के 17 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जो अब तक जिले में एक साथ मिले सबसे अधिक मरीज हैं। इनमें बीएसएफ के 15 जवान और 2 मजदूर वर्ग के हैं। कोरोना पाॅजिटिव पाए गए बीएसएफ के 15 जवानों में 10 बीएसएफ की 104 बटालियन बांदे कैंप के हैं। वहीं 5 बीएसएफ जवान अंतागढ़ कैंप के हैं, जिसमें 3 पश्चिम बंगाल व 2 बिहार के रहने वाले हैं, जो छुट्टी मनाकर वहां से लौटे थे। बांदे कैंप में संक्रमित मिले 10 जवान भी देश के अलग-अलग राज्यों से छुट्टी मनाकर वापस लौटे हैं।

अब तक नक्सलियों के खिलाफ लड़ रहे इन जवानों को अब कोरोना के वायरस से भी मुकाबला करना होगा। मंगलवार को शाम के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग समय में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की सूची जारी की, जिसमें एक साथ 17 मरीज पाए जाने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। कुल 17 मरीजों में बांदे कैंप के 10 व अंतागढ़ के 5 बीएसएफ जवान हैं, जिनकी उम्र 19 वर्ष से 50 वर्ष तक है। इसके साथ दो मजदूर वर्ग के हैं, जिसमें युवक की उम्र 23 वर्ष व युवती की 20 वर्ष है।
बिलासपुर में जवान पॉजिटिव, थाना सील
बिलासपुर | बिलासपुर जिले का पचपेड़ी थाने में पदस्थ सीएएफ का जवान कोरोना पॉजिटिव मिला है। इसके चलते थाने को सील कर यहां पदस्थ सभी अधिकारी कर्मचारियों को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। सभी का स्वाब जांच के लिए भेजा गया है। संक्रमित सीएएफ का जवान दो माह पहले छुट्टी में घर आया था। इसी बीच कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन शुरू हो गया। उस दौरान दूसरी बटालियन के जवानों से उनके अधिकारियों ने कहा था कि जो जवान अपने घर में है या बाहर हैं वे अपने निकट के थाने में थाने में आकर आमद दें और वहीं ड्यूटी करें।

पचपेड़ी क्षेत्र का जवान भी थाने आकर आमद दी थी और तब से यहीं पर ड्यूटी कर रहा था। इस उसकी कई स्थानों पर ड्यूटी लगाई गई। चेकपोस्ट पर भी उसे भेजा गया था। हाल में ही लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद वह 19 जून को फिर से अपने मूल स्थान पर ड्यूटी करने गया तो उसकी एम्स में कोरोना जांच कराई गई।

पचपेड़ी में ही हुआ संक्रमित
जवान दो माह पहले आया था। इससे साफ जाहिर है कि उसका कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। साफ है वह यहीं रहते हुए ही संक्रमित हुआ है। एसपी प्रशांत अग्रवाल के अनुसार इस बीच जवान ने चेकपोस्ट में भी ड्यूटी की थी और कई स्थानों पर गया था। संपर्क में आने वालों का पता लगाया जा रहा है। जवान के परिवार को भी होम क्वॉरेंटाइन किया गया है। जांच में अन्य पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने की संभावना है।
बिलासपुर | रायपुर के सुंदर नगर स्थित कोपल वाणी बाल कल्याण संस्था के दिव्यांग बच्चों के परिजनों को जानकारी दिए बिना अन्यत्र कंटेन्मेंट जोन में शिफ्ट किए जाने पर 5 परिजनों ने याचिका दायर की है। इसमें बच्चों से नहीं मिलने दिए जाने की भी बात कही गई। हाईकोर्ट जस्टिस पी. सैम कोशी की सिंगल बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर एसडीएम को आदेश दिया है कि वे 3 दिनों के भीतर परिजनों से उनके बच्चों को मिलाने की व्यवस्था करें। साथ ही उन दिव्यांग बच्चों के उपचार का भी पर्याप्त व्यवस्था करें। इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब तलब किया है।