छत्तीसगढ़। बोधघाट परियोजना पर एक बार फिर चर्चा शुरू होने वाली है। बस्तर के सांसद-विधायक आज सीएम बघेल से मुलाकात कर परियोजना पर चर्चा करने वाले हैं।
सीएम बघेल ने परियोजना पर चर्चा के लिए खुद जन प्रतिनिधियों को बुलाया है। सीएम बघेल परियोजना से संबंधित सुझाव और राय के लिए क्षेत्र के सांसद और विधायक को बुलाया है।
बोधघाट परियोजना
बंद हुई बोधघाट परियोजना को दोबारा शुरू करने की पहल जल संसाधन विभाग ने कर दी है। बोधघाट परियोजना के मार्फत छत्तीसगढ़ को 300 मेगावॉट बिजली उत्पादन का बड़ा केंद्र बस्तर को मिल सकेगा। बोधघाट परियोजना पर राज्य सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद काम शुरू होने से जहां बस्तर में बिजली उत्पादन का रास्ता खुला है, वहीं इस पर ग्रामीणों का विरोध बड़ी अड़चन बनकर सामने आती दिख रही है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में कुल 9 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। बोधघाट परियोजना का काम पूरा होने के बाद बाकी के लिए रास्ता खुलेगा। प्रस्तावित परियोजनाओं में बस्तर जिले में मटनार और चित्रकोट जलविद्युत परियोजना, दंतेवाड़ा में बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना, बीजापुर जिले में कुटरू, नुगूर और भोपालपटनम में जलविद्युत परियोजना और बहुउद्देशीय परियोजना शामिल हैं।
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री शेख शाकिर ने बताया कि अभी सर्वे का काम ही शुरू हुआ है, जो 20 माह तक चलेगा। अभी वेपकोस के अफसर 40 साल पुराने इस परियोजना से जुड़े दस्तावेजों का अध्ययन कर रहे हैं। इसके बाद यहां एरियल और ग्राउंड सर्वे की योजना तैयार की जाएगी। इस बीच डूबान में आ रहे गांवों का आकलन कर व्यवस्थापन की योजना तैयार कर सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर इस पर पहल की जाएगी।
आयोग की सहमति के बाद परियोजना के सर्वेक्षण और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू हो गया है। सर्वे और डीपीआर के लिए सरकार ने बजट में 50 करोड़ रुपए भी मंजूर कर दिए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बोधघाट परियोजना के लिए पर्यावरण स्वीकृति को लेकर कार्रवाई की जा रही है। पहले डुबान क्षेत्र में आने वाले वनों के एवज में क्षतिपूर्ति के रूप में वनीकरण की योजना थी।
उस समय करीब 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण हो चुका है। बावजूद इसके परियोजना रोक दी गई थी। इंद्रावती नदी पर बनने वाली यह दंतेवाड़ा के ग्राम बारसुर से लगभग 8 किलोमीटर और जगदलपुर जिला मुख्यालय से सौ किलोमीटर की दूरी पर है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 22 हजार 653 करोड़ रुपए है। इससे लगभग 3 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है। बोधघाट परियोजना से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में सिंचाई होगी।