रायपुर. लाॅकडाउन के लगभग 52 दिन में प्रशासन ने हर तरह की मुनाफाखोरी रोकने के लिए दर्जनों छापे मारे, लेकिन किसी न किसी चीज में प्रिंट से दोगुना रेट लेने की चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोशल मीडिया में नमक की अफवाह उड़ने के बाद से लंबी लाइन लगी है और एक किलो का पैकेट तीन-तीन गुना रेट पर बिक गया है। शुरुआत राइस ब्रान तेल से हुई थी, जो करीब 20 दिन तक डेढ़ गुना रेट पर बिका। टोस्ट और घी से लेकर मूंग-चना दालें, बेसन और आटे में भी अलग-अलग समय में अाम लोगों से प्रिंट सेट से 25 से 50 प्रतिशत ज्यादा कीमत वसूली गई है। कारोबारी संगठनों के पास इस बात का जवाब नहीं है कि सोशल मीडिया में अचानक किसी भी जरूरी चीज के स्टाॅक में कमी की अफवाह उड़ती या उड़ा दी जाती है और जब लोग बाजार पहुंच रहे हैं तो उस सामान का शार्टेज बताकर ज्यादा कीमत वसूली जा रही है।
भास्कर टीम ने सोमवार और बुधवार को शहर के कई हिस्सों में जाकर किराना दुकानों और सुपर मार्केट में खरीद-बिक्री का जायजा लिया। वहां ग्राहकों से पूछताछ भी की। कई स्थानों पर टीम ने खुद दुकानों में जाकर उत्पादों के रेट को जाना। टीम जहां भी गई, अधिकांशतया बड़ी-छोटी दुकानों में एक न एक सामग्री ओवररेट मिली, वह भी 50 से 100 प्रतिशत तक महंगी। नमक के अलावा आटा, रिफाइन, राइसब्रान और सरसों तेल, टोस्ट, खुले प्रॉडक्ट, दालें, घी समेत कई प्रॉडक्ट में थोड़े-थोड़े दिन का शार्टेज बताकर मनमाना रेट वसूला जा रहा है।
34 का आटा 38 रु. किलाे
लाॅकडाउन से पहले सामान्य आटा 34 रुपए किलाे था, लेकिन इसके भाव तेजी से बढ़े हैं। कोटा के रामप्रताप ने बताया कि आश्रम के पास एक अनाज भंडार में इसे 38-40 रुपए किलो में बेचा जा रहा है। पूछने पर दुकानदार कहते हैं कि समझ आए तो लो, नहीं तो रहने दो। टाटीबंध के वाईके सिंह ने बताया कि उन्हें प्रिंट रेट 145 के बावजूद 5 किलो के आटे का पैकेट 165 रुपए में दिया गया। दुकानदार ने वजह नहीं बताई।
बाजारों में एक-एक किलो नमक के लिए लंबी कतारें 20 का पैकेट शहर में 50 और आउटर में सौ रु. तक
पिछले चार दिन से लगातार छापों के बावजूद राजधानी समेत पूरे प्रदेश में नमक की कालाबाजारी रोकी नहीं जा सकी है। शहर की किराना दुकानों से नमक गायब कर दिया गया है। भास्कर को बाजार में लोगों ने बताया कि 20 रुपए का नमक का पैकेट 50 रुपए में खरीदने की मजदूरी है। आउटर में तो यही पैकेट बुधवार को 100 रुपए किलो में भी बिका है। सोशल मीडिया में अफवाह के बाद से ही नमक के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें दुकानों के बाहर लग रही हैं। गुजरात और दूसरे राज्यों से नमक की सप्लाई सामान्य होने के बावजूद शहर में फैली अफवाह की वजह से नमक दोगुनी कीमत पर बिक रही है।
शहर में नमक की सप्लाई सामान्य करने के लिए खाद्य और नापतौल विभाग की टीम ने बुधवार को भी 28 से ज्यादा दुकानों में एक साथ छापेमारी की। शहर और बस्तियों की दुकानों में नमक की कीमत जानने के लिए अफसरों ने अपने विभाग के ड्राइवरों और चपरासियों को दुकानों में ग्राहक बनाकर भेजा। विभाग के कर्मचारियों ने नमक की खरीदी भी की। डूमरतराई में खाद्य नियंत्रक अफसरों के साथ पहुंचे और एक-एक दुकान में जाकर नमक के स्टाक की जांच की। वहां लगी लंबी लाइन देखकर वे नाराज भी हुए। पूछताछ करने पर पता चला कि वे आम लोग नहीं बल्कि किराना दुकानों में नमक की सप्लाई करने वाले रिटेलर चेन कारोबारी हैं। खाद्य नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया के अनुसार कहीं भी नमक की कमी नहीं है। रोज 30 दुकानों में छापे मार रहे हैं। जहां की शिकायत है, वहां तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा भीड़ डूमरतराई में
नमक के लिए सबसे ज्यादा भीड़ डूमरतराई थोक बाजार में दिखाई दी।भास्कर ने यहां कुछ व्यापारियों से बात की तो पता चला कि लाइन में लगने वाले लोग सामान्य ग्राहक नहीं बल्कि मोहल्लों की किराना दुकानों मे नमक के सप्लायर हैं। आरोप है कि इन्हीं की वजह से रेट बढ़े हैं, हालांकि प्रशासन ने इस चेन को तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है।
गुजरात के ब्रांड में फर्जीवाड़ा
गुजरात की एक नमक कंपनी का एक किलो का पैकेट 8 रुपए में बेचा जाता है। लेकिन इसका प्रिंट रेट 20 रुपए का है। कई सालों से इसी कीमत पर नमक बेचा जा रहा है। लेकिन दुकानदारों ने अब इसी प्रिंट रेट में नमक की बिक्री शुरू कर दी है। अफसर ऐसी दुकानों पर छापा मारते हैं तो दुकानदार कहते हैं कि वे प्रिंट रेट पर ही नमक की बिक्री कर रहे हैं। प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत नहीं लेने की वजह से उन पर किसी तरह का प्रकरण भी दर्ज नहीं हो पा रहा है।
घी और टाेस्ट समेत कई सामान मनमाने रेट पर
भावना नगर की एक साेसाइटी में रहने वाले राजेश रंजन ने बताया कि सुपर बाजार में भी अचानक कई सामानों का रेट बढ़ गया है। पहले 300 ग्राम के टोस्ट का पैकेट 35 रुपये में मिलता था। अब वो 53 रुपए में बेचा जा रहा है। वहीं आधा किलो के घी के पैकेट की कीमत 229 रुपए से बढ़कर 246 रुपए कर दिया गया है। पुराना बस स्टैंड स्थित एक ड्राईफ्रूट्स की दुकान में 75 का खजूर 110 रुपए में बेचा जा रहा है।
अब सोशल मीडिया पर राहर दाल की अफवाहें
पहले मूंग दाल 85 रुपए किलो में बिक रहा था। लॉकडाउन के बाद डीडी नगर समेत शहर के कई इलाकों में ये 102 रुपए से बिकने लगा। संजय कुमार ने बताया कि अब किराना कारोबारी एक किलो मूंग दाल की कीमत 128 रुपए तक वसूल रहे हैं। यही हाल राहर दाल का भी है। उसे भी 10-30 रुपए प्रति किलो बढ़ाकर बेचा जा रहा है। बाजार में ऐसी अफवाहें हैं कि नमक के बाद अब राहर दाल में मुनाफाखोरी का नंबर है।
3 दिन खुलने से गड़बड़ : बरलोटा
“किराना दुकानें 3 दिन खुलने से हालात बिगड़े हैं, क्योंकि स्टाॅक की कोई कमी नहीं है। हमें लगता है कि कुछ जरूरी चीजें सस्ती हो रही हैं।”
-जितेंद्र बरलोटा, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ चैंबर
अफवाहों से बढ़े रेट : पारवानी
“कीमतें बढ़ाकर कारोबार करने की सूचना नहीं है। नमक या दूसरी चीजों के रेट अफवाहों से बढ़े हैं। लोगों को भी धैर्य रखने की जरूरत है।”
-अमर पारवानी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कैट
तेल तो सस्ता है, जांच हो : योगेश
“राइस मिलों का कच्चा माल महंगा है, इसलिए चावल कुछ महंगा हुआ। लेकिन तेल सस्ता हुआ है। बाजार में महंगा क्यों है, इसकी जांच हो।”