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इटली से आए 37 छात्रों को चिल्फी में MP बाॅर्डर पर रोका, गर्ल्स हॉस्टल में रखने पर ग्रामीणों का…

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कवर्धा. छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश बॉर्डर पर इटली से पहुंचे छात्रों को लेकर रविवार सुबह कवर्धा में हंगामा हो गया। शनिवार रात से चिल्फी के हॉस्टल में इनको क्वारैंटाइन किया गया है। इसकी जानकारी ग्रामीणों को लगी तो छात्रों को हटाने की मांग को लेकर उन्होंने बस में पथराव और आगजनी का प्रयास किया। इसके चलते पुलिस ने लाठी लेकर ग्रामीणों काे दौड़ाया। हालांकि बाद में समझाइश देकर उनको शांत किया गया। 

इटली में पढ़ने वाले आंध्र प्रदेश के छात्रों को दिल्ली में क्वारैंटाइन किया गया था। वहां से शासन की अनुमति लेकर सभी लग्जरी बस से घर जाने के लिए निकले थे। इन्हें देर रात कवर्धा के चिल्फी में पुलिस ने राेक लिया।  

तीन राज्यों को पार करते हुए छात्र पहुंचे थे छत्तीसगढ़
दरअसल, आंध्र प्रदेश के 37 छात्र इटली में पढ़ाई करते हैं। वहां से लौटने के बाद सभी को दिल्ली में 28 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया गया था। इसके बाद सरकार की अनुमति लेकर बस से यह अपने घरों के लिए निकले थे। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश बॉर्डर क्रास कर सभी शनिवार देर रात करीब 2 बजे धवईपानी, चिल्फी पहुंचे। वहां पर पुलिस ने इन सभी को रोक लिया। 


प्रशासन से निर्देश मिलने के बाद सभी छात्रों को बाजार पारा चिल्फी स्थित शासकीय कन्या छात्रावास में क्वारैंटाइन में रखा गया है। इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को सुबह लगी तो 20 से 25 की संख्या में वे छात्रावास के बाहर पहुंच गए। छात्रों को हॉस्टल में रुकवाने का विरोध करते हुए वहां खड़ी बस में आगजनी की धमकी दी। लोगों के उग्र तेवर देख पुलिस ने उन्हें डंडा लेकर वहां से खदेड़ा। 

बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर समझाइश दी। इसके बाद लोग शांत हुए। हालांकि घटना के बाद से हॉस्टल को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। दिल्ली से विशेष अनुमति लेकर छात्रों को उनके गृहनगर भेजा जा रहा था। इनमें से एक छात्र छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार का रहने वाला है। आगे की कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। 


इटली से लौटने पर आईटीबीपी कैंप में क्वारैंटाइन थे सभी 
बोड़ला तहसीलदार मनीष वर्मा ने बताया कि ये सभी स्टूडेंट्स इटली में पढ़ाई कर रहे थे। करीब एक महीने पहले दिल्ली लौटे थे। कोरोनावायरस के मद्देनजर इन सभी को आईटीबीपी कैंप में 28 दिन तक क्वारैंटाइन में रखा गया था। क्वारैंटाइन अवधि में इनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं मिले, तो इन्हें लौटने की अनुमति दी गई है। फिर भी एहतियातन इन्हें रोककर स्क्रीनिंग कराई गई है।