छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में धान खरीदी के मुद्दे पर सवाल जवाब के बाद विपक्ष ने चना को लेकर सवाल किया। बीजेपी के कृष्णमूर्ति मांगे ने चना वितरण योजना को लेकर सवाल किया।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत तीन महीने से चना का वितरण क्यों नहीं हो पा रहा है? इस सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि अप्रैल से जून तक नीतिगत निर्णय लेने और योजना की समीक्षा किए जाने की वजह से चना का वितरण नहीं हो पाया।
इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार चना नहीं खरीद पाई इसलिए चना का वितरण नहीं हो पाया जिससे वह नहीं बता पा रहे है। विपक्ष के इस तरह आरोपों को सुनने के बाद मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि हमने समीक्षा करके योजना के तहत जो चना 48 सौ में खरीदा जाता था उसे 35 सौ रुपए में खरीदा है इस तरह हमने समीक्षा के बाद सरकार का 48 करोड़ रुपए बचाया है।
इस वजह से इसमें विलंब हुआ। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने चना वितरण नहीं होने को लेकर हंगामा किया। चना वितरण नहीं होने पर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की बीजेपी विधायकों ने की है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
गौठान निर्माण को लेकर अलग-अलग आंकड़े आने पर बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया। इस मामले में अध्यक्ष ने सवाल पूछने का मौका नहीं दिए जाने पर प्रश्नकाल का बहिष्कार किया। जनता कांग्रेस के सदस्य भी प्रश्नकाल के बहिष्कार का निर्णय लेते हुए सदन से बाहर चले गए।
जेसीसीजे की विधायक रेणु जोगी ने कृषि मंत्री से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कहा कि प्रदेश में पशुधन सुरक्षा के लिए कितने गौठानों का निर्माण किया गया और उन में कितनी राशि अभी तक व्यय हुई है।
रेणु जोगी के सवाल पर कृषि मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में पशुधन सुरक्षा के लिए कुल 5084 गौठान स्वीकृत। अबतक 1771 गौठानों का निर्माण पूर्ण किया गया है। निर्माण में कुल राशि 17132.65 लाख का विभिन्न मद के लिए किया गया है। 10 हजार प्रति गौठान समिति देने का निर्णय लिया गया है। गोबर से दिए बनाए गए गोबर और मूत्र को रोजगार से जोड़ना चाहते है।
इधर भाजपा ने प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। इस बीच नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में भाजपा के सदस्यों और जनता कांग्रेस के सदस्यों ने मीटिंग कर चल रही है। फिलहाल सदन की कार्यवाही गरमाने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।