केरल सरकार ने राज्य में डिटेंशन सेंटर स्थापित किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट से साफ इंकार किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस संबंध में एक अंग्रेजी दैनिक में छपी रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण देते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ आंदोलन के दौरान असम और कुछ अन्य राज्यों में डिटेंशन सेंटर को लेकर विभिन्न पक्षों की कड़ी आलोचनाओं के कारण राज्य सरकार को यह स्पष्टीकरण देना पड़ा है। राज्य सरकार ने साफ तौर पर कहा कि राज्य में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि 2015 में तत्कालीन राज्य गृह मंत्रालय ने इस तरह के कैंपों को तुरंत स्थापित करने का फैसला किया और सामाजिक न्याय विभाग को इसे निष्पादित करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

सामाजिक न्याय विभाग ने ऐसे लोगों की संख्या मांगी थी जिन्हें 2016 में एससीआरबी से इन कैंपों में बसाया जाना था। हालांकि इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, यहां तक की कई रिमाइंडर भी भेजे गए।