भारत देश में इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून CAB को लेकर काफी हं/गा’मे हो रहे हैं , देश भर के कई राज्यों में मुसलमानों ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई है और अब तक उठा रहे हैं. तो वहीँ यूनाइटेड नेशन UN के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी का कार्यालय ‘भारत से अपने नए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को र/द्द करने का आग्रह कर रहा है, जो कहता है कि यह मुसलमानों के साथ भे/द’भा’व है।

पिछले हफ्ते भारत के नए नागरिकता कानून के लागू होने के मद्देनजर भारतीय राज्यों असम और त्रिपुरा में हिं/स’क प्रदर्शन हुए, जिसमें तीन लोगों की जान गयी और कई अन्य घा/य’ल भी हुए , बताया गया कि इसमें पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। U.N मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि यह कानून के अधिनियमन का वि/रो’ध करने वालों पर सरकार की का/र्र’वा’ई को वि/फल करता है, जिसे यह मौलिक रूप से भे’द’भा’वपूर्ण कहता है।
संशोधित कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में उ/त्पी/’ड़न से भाग रहे छह धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता का अधिकार देता है। लेकिन मानवाधिकार के प्रवक्ता, जेरेमी लॉरेंस का कहना है कि कानून मुसलमानों को समान सुरक्षा नहीं देता है, उन्होंने कहा कि “संशोधित कानून भारत के संविधान और भारत में नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय करार और नस्लीय भे’द/भा’व के उन्मूलन के लिए , भारत के दा’यि’त्वों के तहत समानता के प्रति प्र’ति’ब/द्धता को कम करने के लिए दिखाई देगा, जिसके लिए भारत एक राज्य पार्टी है।”