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अमित शाह की जनसभा में फिर से नहीं जुटी भीड़ प्रदेश अध्यक्ष का इलाका थाअमित शाह की जनसभा में फिर से नहीं जुटी भीड़…

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अमित शाह की जनसभा झारखंड में दूसरी बार विफल हो

गयी। इस बार का इलाका खुद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का था। वह अपने

इलाके में भी भीड़ नहीं जुटा पाये।

इससे भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों के हाथ-पांव अब फूलने लगे हैं।

बड़ी बात यह है कि पलामू के बाद दूसरी बार भाजपा के राष्ट्रीय

अध्यक्ष अमित शाह को इस परिस्थिति से गुजरना पड़ा। वहां भीड़ नहीं

जुटने के लिए श्री शाह को रांची में एक घंटा से अधिक तक इंतजार

करने की भी सूचना भाजपा के खेमे से ही आयी है।

वैसे इस दौरान स्पष्ट हो गया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अपने

विधानसभा में भी पार्टी के तमाम नेताओं को एकजुट नहीं रख पाये हैं।

अलग अलग गुटों में बंटे नेताओं ने इस जनसभा को सफल बनाने के

लिए कोई परिश्रम भी नहीं किया।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जनसभा में भीड़ नहीं जुटने के बाद अब

भाजपा के चुनावी पंडितों को हवा का रुख अनुकूल नहीं होने का

एहसास शायद होने लगा है। इसी वजह से पूरे क्षेत्र के अलावा कोल्हान

में तमाम लोगों को अपने प्रत्याशियों के लिए जी जान लगा देने के

निर्देश भी दिये जा रहे हैं।

चक्रधरपुर में भी जामताड़ा की जनसभा में अमित शाह की घोषणा का

असर होने की चर्चा हो रही है। याद रहे कि जामताड़ा की सभा में ही श्री

शाह ने रघुवर दास को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी।

इससे भाजपा का एक बड़ा तबका खुद को चुनाव से अलग करता चला

गया है। चक्रधरपुर में इस जनसभा के बाद लोग जमशेदपुर में नरेंद्र

मोदी की जनसभा की सफलता से लाभ की उम्मीद है। वहां को लेकर

लोगों की रूचि रघुवर दास वनाम सरयू राय और प्रो. गौरव बल्लभ की

वजह से हैं।

दूसरी तरफ भाजपा के लोग भी यह कहते हुए पाये गये कि दरअसल

पहले की जनसभाओं के लिए सरकारी माध्यमों से भीड़ जुटाने का

काम फिलहाल आदर्श आचार संहिता के लागू होने की वजह से नहीं हो

पा रहा है । इसी वजह से चुनावी जनसभाओं में भाजपा नेता अपने

प्रयास के बाद भी लोगों को नहीं ला पा रहे हैं।

अंदरखाने से इस बात की सूचना आयी है कि यहां के रेलवे मैदान में

आयोजित जनसभा का समय साढ़े ग्यारह बजे का था। लेकिन वहां

उस समय तक बमुश्किल डेढ़ हजार लोग ही जुटे थे। बीच में एक बार

श्री शाह की जनसभा रद्द किये जाने की भी सूचना आयी थी। लेकिन

बाद में करीब दो घंटे विलंब से यह जनसभा हुई। लेकिन उसमें मौजूद

भीड़ देखकर भाजपा के नेता साफ तौर पर परेशान नजर आये। कुछ

लोगों का यह भी आरोप है कि दरअसल मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम

आगे बढ़ाने की वजह से भी लक्ष्मण गिलुवा भाजपा के बहुमत के

मिजाज के खिलाफ आंके जा रहे हैं। इसी वजह से अब भाजपा के अन्य

नेताओं के समर्थन भी उनके साथ खड़े नहीं हो रहे हैं।