Home News आतंकी संगठनों के साथ समझौता करेगी मोदी सरकार, जानिए वजह…

आतंकी संगठनों के साथ समझौता करेगी मोदी सरकार, जानिए वजह…

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार असम के आतंकी संगठन यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोड़ोलैंड (NDFB) के साथ जल्द ही शांति समझौता करने जा रही है। केंद्र की ओर से इन संगठनों के साथ वार्ता कर रहे ए.बी माथुर ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि उल्फा और एनडीएफबी के साथ बातचीत अच्छी तरह चल रही है। जल्द ही दोनों संगठनों के साथ शांति समझौता होने के आसार है।

असम के इन दो आतंकी संगठनों के अलावा माथुर मणिपुर के कुकी संगठन के साथ केंद्र की हो रही वार्ता में मध्यस्थ हैं। माथुर ने कहा कि कुकी संगठन से भी बातचीत आगे बढी है। लेकिन इस संगठन में 29 गुट हैं। कुकी संगठन के साथ शांति समझौता होने की कोई संभावित तिथि माथुर ने नहीं बताई। माथुर ने कहा कि असम के उल्फा और एनडीएफबी के साथ अगले एक या दो महीने में शांति समझौता होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अब असम की स्थिति पहले से काफी बदल चुकी है। जनता आजकल विकास चाहती है।

उल्फा के महासचिव अनूप चेतिया ने कहा कि हां,हम वार्ता के अंतिम दौर में हैं। हम आशान्वित है कि अगले कुछ महीनों में समझौता हो जाएगा। जल्द ही हम अंतिम बातचीत के लिए दिल्ली जाएंगे। उल्फा के अन्य एक नेता ने कहा कि अब तक की बातचीत काफी सकारत्मक रही है। सभी मुद्दों का हल लगभग हो गया है। सिर्फ राज्य के स्वदेशी लोगों के लिए संवैधानिक सुरक्षा का मसला हल होना है। इस पर केंद्र द्धारा गठित उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है। 1985 में हस्ताक्षरित असम समझौते में छठे अनुच्छेद में स्वदेशी लोगों के संवैधानिक सुरक्षा की बात कही थी। लेकिन अब तक इस मसले का हल नहीं हुआ। पहले हमने उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के लिए इंतजार करने का फैसला किया था। लेकिन कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई तो हम क्या करेंगे। इसलिए हमने इस मसले पर वार्ताकार से बात आगे बढ़ाने का निर्णय किया।