अखिल असम छात्र संघ(आसू) ने गेरुकामुखन में निचली सुवनसिरी जलविद्युत परियोजना के बंद पड़े निर्माण कार्य को साजिशपूर्ण तरीके से पुनः प्रारंभ करने का विरोध किया है। आसू महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि असम- अरुणाचल सीमा पर बनाई जा रही 2000 मेगावाट की इस जलविद्युत परियोजना का जब तक विशेषज्ञों द्वारा संपूर्ण अध्ययन नहीं कर लिया जाता। इससे निचले असम के जन-जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव स्पष्ट नहीं होता, तब तक इस परियोजना को स्वीकार नहीं किया जा सकता ।

आसू नेता ने इसके खिलाफ लोकतांत्रिक आंदोलन छेड़ने की चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अन्याय और राज्य सरकार के समझौतावादी रुख के कारण एनएचपीसी इस निर्माण कार्य को पुनः शुरू करने की साजिश करने में लगी है। आसू अध्यक्ष दीपांक कुमार नाथ ने कहा कि सबसे पहले निचले असम पर पड़ने वाले प्रभाव का अभी भी वैज्ञानिक तौर पर अध्ययन नहीं किया गया है, ऐसी स्थिति में किसी भी हालत में जबरन जल विद्युत परियोजना का निर्माणकार्य शुरू किया जाता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।