छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलवाद के लिए केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों की सरकार को घेरा है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोई भी बड़ा नक्सली छत्तीसगढ़ का नहीं है, इसके बाद भी सबसे ज्यादा नक्सल समस्या प्रदेश में है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में यह प्रस्ताव रखा था कि पड़ोसी राज्य और केंद्र सरकार नक्सलियों के बड़े लीडरों को कंट्रोल करें, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपने आप कंट्रोल में आ जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि नक्सलियों के पास से जो हथियार बरामद हुए है, वह जर्मनी और इटली के थे,विदेशी हथियार और गोली यहां कैसे पहुंची। इसकी जांच और रोक तो राज्य सरकार कर नहीं सकती है। जो कारतूस मिले वो विदेशों या अन्य राज्यों की फैक्ट्रियों में बने हुए थे, वो यहां कैसे पहुंचे। इसके लिए केंद्र को गंभीर कदम उठाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झीरम कांड में एनआइए ने फाइनल रिपोर्ट दे दी है। हमने एसआइटी का गठन किया है। झीरम घाटी नक्सली हमले के पीछे जो षड़यंत्र रहा पूर्व में उसकी जांच नहीं हुई। गवाहों से पूछताछ नहीं हुई। नक्सलियों के प्रवक्ता गुड्सा उसेंडी ने समर्पण किया। पड़ोसी राज्य में वह बंद है। उससे आज तक पूछताछ नहीं की गई।
इससे जुड़े तथ्य जनता के सामने आने चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह ने दस नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों व पुलिस महानिदेशकों की बैठक ली थी। मैंने उस बैठक में कहा था कि यदि कोई नीति बनाकर उन नक्सली नेताओं को पकड़ते हैं, सरेंडर करवाते हैं तो छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा।
कांग्रेस ने कसी नक्सलियों पर नकेल
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद नक्सलियों की नकेल कसी गई है। पिछले दस महीनों में आठ लाख, पांच लाख एवं तीन लाख वाले कई इनामी नक्सली मारे गए हैं। इसके पहले तक किसी भी सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पीड़ितों से बात नहीं की। हमने इसकी शुरुआत बस्तर से की। मैं खुद दो दिन बस्तर में रहा। वहां सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों, व्यापारियों और पत्रकारों से बातचीत की।
पीड़ित परिवारों से भी बातचीत की। राजधानी में बैठकर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता। हमने जो बातचीत की वह समाधान की दिशा में पहला चरण था। दूसरे और तीसरे चरण में भी बस्तर जाकर बात करेंगे। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि मैंने कभी नहीं कहा कि नक्सलियों से बातचीत का रास्ता खुला है।
पहली बार किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के सवाल पर बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़, झारखंड व उत्तराखंड राज्यों को अस्तित्व में लाने से पहले मध्यप्रदेश, बिहार एवं उत्तरप्रदेश से अलग राज्य के गठन के लिए विधेयक पारित हुआ था। कश्मीर में ऐसा कोई विधेयक पारित नहीं करवाया गया। न ही वहां की जनता को विश्वास में लिया गया। पहली बार ऐसा हुआ कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। कश्मीर में इस समय लोग बंधक बने हुए हैं। जो भी फैसले हो रहे हैं, एकतरफा हो रहे हैं। क्या यही लोकतंत्र है।