छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा के ज्यादातर उप चुनावों में सत्ता पक्ष का ही दबदबा रहता है। राज्य बनने के बाद से अब तक सात विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव हुए हैं। इनमें से केवल दो सीटों पर जनता ने सत्ता के खिलाफ जनादेश दिए थे। बाकी पांच सीटों पर जनतम सरकार के पक्ष में खड़ा हुआ। राज्य में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें खाली हैं। इनमें दंतेवाड़ा के लिए उप चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जबकि चित्रकोट सीट अभी रिक्त ही रहेगी।
राज्य में हुए उप चुनावों में सबसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य के पहले दोनों मुख्यमंत्री उप चुनाव जीतकर विधानसभा के विधिवत सदस्य बने थे। राज्य निर्माण के बाद पहले 2000 में मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी 2001 में मरवाही विधानसभा सीट का उपचुनाव जीतकर विधानसभा के सदस्य बने। इसी तरह 2003 में मुख्यमंत्री बने डॉ. रमन सिंह 2004 में डोंगरगांव सीट से उपचुनाव जीत कर सदन के सदस्य बने।
कोटा और वैशालीनगर अपवाद
कोटा और वैशाली नगर केवल दो विधानसभा सीट ऐसी है जहां उप चुनाव में लोगों ने सत्ता के खिलाफ जनादेश दिया। हालांकि कोटा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट है। इसी तरह परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई दुर्ग जिले की वैशाीनगर सीट पर 2008 में पहला चुनाव हुआ तो भाजपा ने जीत दर्ज की, लेकिन इसके बाद उप चुनाव में पार्टी हार गई।
डॉ. जोगी ने कोटा में तोड़ा कांग्रेस का वर्चस्व
कोटा विधानसभा सीट से अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद वहां से निर्वाचित होते रहे। उनके निधन के बाद इस सीट से डॉ. रेणु जोगी कांग्रेस की विधायक चुनी गईं। डॉ. जोगी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के वर्चस्व को तोड़ा है। डॉ. जोगी इसी सीट से जकांछ की विधायक हैं।
सात में से छह उप चुनाव की वजह भाजपा
राज्य में विधानसभा सीटों के लिए हुए सात में से छह उप चुनाव भाजपा की वजह से हुए हैं। केवल एक कोटा सीट कांग्रेस विधायक के निधन की वजह से खाली हुई थी। बाकी छह में से दो सीट विधायकों के निधन, दो सीट विधायक के सांसद चुने जाने और दो सीट इस्तीफा की वजह से खाली हुए। फिलहाल जो दो सीट खाली हैं, उनमें चित्रकोट सीट वहां के विधायक दीपक बैज के सांसद चुने जाने के बाद इस्तीफ की वजह से खाली हुई है, जबकि दंतेवाड़ा सीट से भाजपा विधायक भीमा मंडावी नक्सली हमले में मारे गए थे।
लोकसभा का उप चुनाव की वजह भी भाजपा
राज्य में दो राजनांदगांव और बस्तर के लिए लोकसभा सीटों के लिए उप चुनाव हुए हैं। इन दोनों चुनावों की वजह भी भाजपा ही है। इनमें से एक चुनाव कांग्रेस और एक भाजपा जीती है।
चर्चित रहा अंतागढ़ उप चुनाव
राज्य में अब तक हुए उप चुनावों में 2014 का अंतागढ़ उप चुनाव सबसे चर्चित रहा। इसकी गुंज राजनीतिक गलियारों से लेकर न्यायालय में आज तक सुनवाई दे रही। इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे भोजराज नाग को एक रह से वाकओवर मिल गया था।
दरअसल नाग के खिलाफ मैदान में उतरे ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया। नाम वापसी के अंतिम दिन केवल कांग्रेस के मंगतूराम पवार और सीपीआइ रूपधर पुड ही मैदान थे। कांग्रेस प्रत्याशी पवार ने भी एन वक्त पर नाम वापस ले लिया।
इस चुनाव के करीब एक वर्ष बाद एक ऑडियो टेप जारी हुआ। आरोप लगा कि नाम वापसी के लिए सौदेबाजी हुई है। आरोप के छींटे कई लोगों तक पहुंचे। मौजूदा सरकार इसकी फिर से जांच करा रही है। पुलिस ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके पुत्र अमित जोगी, कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंगतूराम पवार और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दमाद पुनित गुप्ता को आरोपित बनाया है।
छत्तीसगढ़ में अब तक हुए उपचुनाव
मरवाही उपचुनाव
वजह -इस सीट से भाजपा विधायक रहे रामदयाल उइके ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी यह सीट खाली की।
अजीत जोगी (कांग्रेस) 71211
अमरसिंह खुसरो (भाजपा) 20453
डोंगरगांव उपचुनाव
वजह- इस सीट से भाजपा विधायक रहे प्रदीप गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के लिए यह सीट खाली की।
डॉ. रमन सिंह (भाजपा) 42115
गीतादेवी सिंह (कांग्रेस) 32004
कोटा विधानसभा उप चुनाव
वजह- इस सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के निधन के कारण।
रेणु जोगी (कांग्रेस) 59465
भूपेंद्र सिंह (भाजपा) 35995
वैशालीनगर विधानसभा उपचुनाव
वजह- इस सीट से भाजपा विधायक रहीं सरोज पांडेय ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया।
भजन सिंह निरंकारी (कांग्रेस) 47225
जागेश्वर साहू (भाजपा) 45997
भटगांव विधानसभा उप चुनाव
वजह- इस सीट से भाजपा विधायक रहे रविशंकर त्रिपाठी की सड़क हादसे में मौत की वजह से।
रजनी त्रिपाठी (भाजपा) 74098
उमेश्वर शरण सिंहदेव ( कांग्रेस) 39236
बालोद विधानसभा उप चुनाव
वजह-इस सीट से विधायक रहे भाजपा मदन साहू के निधन की वजह से।
कुमारी मदन साहू (भाजपा) 64185
मोहन पटेल (भाजपा) 54520
अंतागढ़ विधानसभा उप चुनाव
वजह – उप चुनाव की वजह- इस सीट से भाजपा विधायक रहे विक्रम उसेंडी ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया।
भोज राज नाग (भाजपा) 51530
रूपधर पुडो (सीपीआइ) 12086
राजनांदगांव लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव
वजह – इस सीट से भाजपा सांसद रहे प्रदीप गांधी पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में फंसने के बाद इस्तीफा दिया था।
देवव्रत सिंह (कांग्रेस) 345009
लीला राम भोजवानी (भाजपा) 293395
बस्तर लोकसभा सीट के लिए उप चुनाव
वजह – इस सीट से भाजपा सांसद रहे बलीरा कश्यप के निधन की वजह से।
दिनेश कश्यप (भाजपा) 286691
कवासी लखमा (कांग्रेस) 197807